भारत को विविधता के लिए जाना जाता है। इसलिए हर जगह की अलग-अलग मान्यताएं भी हैं। ऐसी ही एक अजीबो-गरीब परंपरा कलिमायन गांव (Kalimayan Village) के लोग भी निभाते हैं। जिसके तहत गांववालों का जूते-चप्पल पहनने पर पूरी तरह से रोक है। अगर किसी को बाहर जाना भी है तो वे नंगे पैर जाते हैं और गांव के बाहर जाकर इन्हें पहनते हैं। तब तक उन्हें अपने जूते-चप्पल हाथ में लेकर ही जाना पड़ता है। इस गांव के लोग अपने बच्चों को भी चप्पल- जूते पहनने से मना करते हैं।
कहा जाता है कि गांव के लोग अपाच्छी नाम के देवता की पूजा करते हैं। उनका मानना है कि अपाच्छी देवता उनकी रक्षा करते हैं। ऐसे में उन्हें सम्मान देने के लिए वे गांव में जूते—चप्पल नहीं पहनते हैं। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है, जो आज भी वैसे ही निभाई जाती है। यहां के लोगों को गांव से बाहर जाना होता है तो हाथ में चप्पल लेकर जाते हैं और गांव की सीमा के बाहर जाने के बाद उसे पहनते हैं। वहीं वापसी में सीमा पर पहुंचते ही वे नंगे पैर अंदर आते हैं।