आपको जानकर हैरानी होगी कि इंसान के हाथ और पैरों के निशान किसी से भी नहीं मिलते हैं। यानि कि संसार में मौजूद हर एक व्यक्ति का फिंगरप्रिंट अलग-अलग होता है। यहां तक कि जुड़वा बच्चों के भी उंगलियों के निशान एक दूसरे से भिन्न होते हैं। उंगलियों के इस निशान पर आजीवन कोई परिवर्तन नहीं होता है और जन्म से लेकर मृत्यु तक ये एक जैसे ही रहते हैं।
अब सवाल यह आता है कि हमारे हाथों और उंगलियों पर निशान क्यों बने होते हैं? इसका जवाब यह है कि हाथों में संवेदनशीलता को बेहतर बनाने के लिए ही ऐसा होता है। किसी चीज को स्पर्श करने पर हाथ उसे अच्छे से महसूस कर पाए, इस वजह से निशानों का होना बहुत जरुरी है। इसके साथ साथ इन निशानों की मदद से किसी चीज को पकड़ने में आसानी रहती है। अगर हाथ पर कोई निशान न हो और बिल्कुल सपाट हो तो चीजें हमारी हाथों से फिसलकर गिर सकती है।
आज से हजारों साल पहले चीन और बेबीलोन के लोगों को सबसे पहले इस तथ्य का पता चला कि इंसान के फिंगरप्रिंट्स अलग अलग होते हैं। इस बात का पता चलने पर उस दौर में चीनी राजा महत्वपूर्ण कागजातों पर अपने फिंगरप्रिंट्स लगा देते थे। बेबीलोन में भी व्यवसायी सौदा करने के लिए अंगूठे के निशानों का प्रयोग करते थे। बाद में वैज्ञानिकों को इस बारे में पता चला।
आज के जमाने में फिंगरप्रिंट्स की मदद से पुलिस अपराधियों को पकड़ने का काम करती है। इस फिंगरप्रिंट्स की मदद से ही आसानी से बड़े से बड़े अपराधिक मामलों को सुलझाया जा सकता है।