दरअसल 1980 से एक संतान नीति होने के कारण चीन आर्थिक रूप से तो काफी विकसित देश है परंतु इसका प्रभाव वहां के लिंगानुपात पर काफी पड़ा है। चीन में रूढ़िवादी सोच वाले लोगों ने लड़कों के जन्म को महत्व दिया। इसलिए वहां लड़कों की अपेक्षा लड़कियों की संख्या काफी कम रह गई है। जिसके परिणामस्वरूप अब वहां के युवकों को विवाह हेतु युवतियों की कमी हो रही है।
इस समस्या के निवारण के लिए यी कांग एनजी नामक चीनी अर्थशास्त्री ने बड़ा ही अजीबोगरीब हल निकाला। उन्होंने अपने पड़ोसी देश तिब्बत में सदियों से चली आ रही बहुपतित्व की प्रथा को इसका समाधान बताया। उन्होंने कहा कि इस वक्त चीन में लिंगानुपात बहुत ज्यादा है जिस कारण कई लड़कों का विवाह ही नहीं हो पा रहा है। हालत यह है कि कुछ पड़ोसी देशों की अल्पसंख्यक युवतियों की तस्करी चीन में होने की घटनाएं सुनने को मिलती हैं।
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अगर ऐसा ही चलता रहा तो लड़कों के अविवाहित रह जाने पर संतान उत्पत्ति कम होगी और आगे चलकर इसका प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
प्रोफेसर यी कांग एनजी के द्वारा हल के रूप में बताई गई परंपरा बहुपतित्व बहुत ही अजीब है। इस परंपरा के अनुसार एक स्त्री की शादी एक ही परिवार के दो या दो से अधिक भाइयों के साथ करवा दी जाती है। हालांकि शादी की रस्में उनमें से बड़े भाई के साथ ही निभाई जाती है परंतु उसके बाद उस स्त्री को अन्य भाइयों से भी संबंध बनाने पड़ते हैं। जिसके बाद पैदा होने वाले बच्चों को सभी का समान रूप से प्यार देने के लिए जैविक पिताओं के बारे में जिक्र नहीं किया जाता।
आपको बता दें कि चीन के प्रोफेसर द्वारा ऐसा समाधान बताने के बाद यह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। और इस बात पर काफी मतभेद भी हो रहे हैं। तब इसके जवाब में प्रोफ़ेसर ने कहा कि, अगर लड़का और लड़की दोनों ही इस बात के लिए सहमत हों तो इस प्रथा को अपनाया जा सकता है। क्योंकि विवाह ना होना, नि:संतानता और खराब अर्थव्यवस्था वाले देश से तो यही बेहतर उपाय हो सकता है।