घर-परिवार और ऑफिस के बीच तालमेल में मानो वो एक तरह से उलझ कर रही जाती है और अपने स्वास्थ्य को बिलकुल भी ख्याल नहीं रखती। मानो वो भूल जाती है कि वक्त के साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आते है जो अपने साथ साथ परेशानियां भी ला सकते है , जिसका समय पर इलाज हो जाए तो बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है। महिलाओं को नियामित समय अंतराल पर रेगुलर कुछ चेकअप कराने की जरूरत होती है ताकि उनकी सेहत ठीक रहे।
कुछ बीमारियों का खतरा महिलाओं को ज़्यादा होता है जैसे स्तन कैंसर, हडिडयों से जुड़ी समस्या या थायराइड जिसकी जांच जरूरी है। अगर समय रहते इनकी जांच और जरुरत पड़ने पर इलाज़ करवा लिया जाए तो और इन बीमारियों के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।
1. कम्प्लीट ब्लड काउंट (Complete blood count) कम्पलीट ब्लड टेस्ट (CBC) के द्वारा हमारे शरीर में किसी भी तरह के इंफेक्शन, एनीमिया, डिसऑर्डर और यहाँ तक ब्लड कैंसर तक का भी पता लगाया जा सकता है। CBC में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC ), श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC ), हीमोग्लोबिन, हेमटोक्रिट (Hct) और प्लेटलेट्स के बारे में पूरी जानकारी मिलती है और इनके रिजल्ट के अनुसार हम पता लगा सकते है कि हमारा शरीर स्वस्थ्य है या नहीं।
2 . स्तन कैंसर (Breast Cancer) हरेक महिला को हमेशा अपने स्तनों की जांच खुद से करनी चाहिए और किसी भी तरह के गाँठ या बदलाव महसूस हो तुरंत से संपर्क करके स्तनों की जांच करवाए । इसके अलावा 40 से 50 साल के मध्य की महिला को हर 2 साल के बाद मैमोग्राफी जरूर करवानी चाहिए, खासकर आपके परिवार के इतिहास में स्तन कैंसर का रिकॉर्ड रहा हो ।
3 .थायराइड टेस्ट हाइपोथायराइडिज्म की परेशानी लगभग हर दूसरी महिला को होती है जो थायरॉक्सिन हार्मोन कम बनने के कारण होती है । हाइपोथायराइडिज्म की समस्या किसी महिला को हैं या नहीं इसके लिए साल में एक बार टी.एस.एच. टेस्ट जरूर करवाना चाहिए । अगर आपका वजन बिना किसी कारण बढ़ता जा रहा है या सर्दी, थकान, कब्ज की शिकायत लगातार बनी रहती हैं या बाल झड़ रहे है या पीरियड्स में अनियमितता है या शरीर में सूजन सा महसूस हो तो यह लक्षण हाइपोथायराइडिज्म के हो सकते है इसलिए हाइपोथायराइडिज्म की जांच जरूर करवाए।
4. डिप्रेशन या अवसाद टेस्ट आजकल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी और आराम की कमी , तनाव और समय की कमी के कारण अक्सर महिलाये डिप्रेशन का शिकार बन जाती है । इसलिये डिप्रेशन को कम करने या जानने के लिए कि वाकई आप डिप्रेस्ड है या नहीं , महिलाओं को स्क्रीनिंग टेस्ट करवाना बहुत जरूरी होता है। स्क्रीनिंग टेस्ट के दौरान डॉक्टर नींद की आदतों, जिन्दगी की परेशानियों, दबी हुई इच्छाओं और पसंदीदा एक्टिविटी आदि के बारे में सवाल पूछ कर डिप्रेशन के कारणों का पता लगाने की कोशिश करते है और अगर जरुरत हुई तो दवाई भी दे सकते है।
5 .लिपिड प्रोफाइल टेस्ट बढ़ती उम्र का सबसे ज्यादा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है और शरीर की चयापचय (मेटाबोलिक) क्रिया को नार्मल रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल एक महत्वपूर्ण हिस्सा है । लेकिन कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा दिल के स्वास्थ्य के लिए घातक होती है। अगर कोई महिला हार्ट, किडनी और डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रषित है तो उन्हें यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
6. मधुमेह (Diabetes) टेस्ट आधुनिक जीवनशैली जिसमे ना सोने के समय है ना जागने या एक्सरसाइज करने के लिए समय है और मधुमेह (Diabetes) टेस्ट जरूर करवाना चाहिए क्योंकि लक्षण खास ना होने की वजह से उन्हें इसका पता भी समय पर नहीं चलता है। डायबिटीज में ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। डायबिटीज में शरीर में इंसुलिन ठीक से नहीं बन पाता है। और अगर आप इसकी परेशानी से लड़ रहे है तो इसका असर शरीर के दूसरे अंगो पर भी होता है।