परफॉर्मेंस में सुधार सबसे पहले आप पॉजिटिव फीडबैक से बातचीत शुरू करें। इसके बाद अपने एम्प्लॉइज को परफॉर्मेंस में सुधार करने के सुझाव दें। उन्हें बताना चाहिए कि एम्प्लॉइज की परफॉर्मेंस में सुधार करने के लिए कंपनी क्या प्लाङ्क्षनग कर रही है। उन्हें मौजूदा बिजनेस से जुड़ी चुनौतियां बतानी चाहिए और उन्हें पूरा करने पर रिवार्ड की प्लानिंग करनी चाहिए।
सही फ्लो सेट करें आगे की प्लानिंग करें। एम्प्लॉइज के साथ बातचीत के दौरान फीडबैक सेशन के लिए समय तय करें। बातचीत के लिए पूरी तैयारी करें। संतुलित फीडबैक देने के लिए जरूरी नोट्स भी तैयार करें। एम्प्लॉइज को बताएं कि फीडबैक से उन्हें कैसे फायदा पहुंच सकता है।
डाटा और उदाहरण एम्प्लॉइज को सिर्फ फीडबैक देना जरूरी नहीं है। मैनेजर को नंबर्स और उदाहरणों की मदद से अपनी बात कहनी चाहिए। एम्प्लॉइज की परफॉर्मेंस में डाटा और उदाहरण होने चाहिए। इससे पता लगता है कि आपके द्वारा दिए गए फीडबैक पर अच्छी तरह से रिसर्च किया गया है। इससे एम्प्लॉई बेहतर परफॉर्मेंस देने के लिए अच्छा काम करने के लिए प्रेरित भी होता है।
क्षमताओं पर गौर मौजूदा रोल को बेहतर तरीके से निभाने के लिए आपको एम्प्लॉइज को उनकी क्षमताओं पर गौर करने के लिए कहना चाहिए। आपको कॅरियर ग्रोथ के लिए एम्प्लॉइज को बताना चाहिए कि उन्हें किस लेवल तक पहुंचना है। वर्क स्टाइल, व्यवहार और पर्सनल परफॉर्मेंस पर बात करनी चाहिए। इस फीडबैक से एम्प्लॉइज को फायदा हो सकता है।
सुझाव लें फीडबैक कन्वर्सेशन के अंत में कलीग्स के सुझावों को ध्यान से सुनना चाहिए। अपने एम्प्लॉइज से पूछना चाहिए कि एक मैनेजर के तौर पर उनके लिए क्या विशेष कर सकते हैं। आपको अपने द्वारा किए गए कमिटमेंट्स को पूरा करने के लिए फॉलोअप करना चाहिए और एम्प्लॉइज को बताना चाहिए कि उनके सुझावों पर काम कर रहे हैं।