जिज्ञासु बने रहिए अपने आस-पास के सभी रहस्यमय चीजों, तथ्यों को टटोलिए। हमेशा नया जानने की कोशिश कीजिए। मैच्योरिटी हमारे भीतर के बच्चे को मार डालती है। हम जो जानते हैं, उसके अलावा जानना ही नहीं चाहते। लिहाजा हम खुश नहीं रह पाते।
करिए वो, जो पसंद हो जो काम , एक्टिविटी आपको पसंद हो, उसे करने से उत्तेजना महसूस होती है। खुशी के हार्मोन्स बनते हैं। आप अच्छा महसूस करते हैं। कहते हैं कि अगर आपका शौक आपका प्रोफेशन है तो आप कभी भी काम पर नहीं होते।
अपना खयाल रखें आधा घंटा व्यायाम रोज व तीन बार सात्विक आहार पर्याप्त है स्वस्थ रहने के लिए। अच्छे शरीर को पाने के लिए जिम जाना जरूरी नहीं। एक्सरसाइज आपको फिट ही नहीं रखती, एड्रलिन हार्मोन का उत्पादन भी करती है, जो आपको खुश रखता है।
दूसरों के बारे में पहले सोचिए सुनने में शायद अटपटा लगे पर सभी धर्मग्रंथ भी यही मानते हैं कि खुशी देने से बढ़ती है। अपनी जरूरतों से पहले यदि दूसरों के बारे में सोचेंगी, उनकी जरूरतों को पूरा करेंगी तो खुश रहेंगी।
रिश्ते संभालें अच्छे दोस्त, सुद्ढ़ दाम्पत्य, अच्छा सोशल सर्किल आपको खुश रखते हैं। रिश्तों को क्वालिटी टाइम दें, फिर चाहे वो आपके दोस्त हों, परिवार वाले या जीवनसाथी। रिश्तों की बेल को प्रेम, समय, ध्यान व परवाह से सींचना पड़ता है।
वर्तमान में जीएं गुजरी बातों के बारे में सोचने से या भविष्य की चिंता करने से कुछ हासिल नहीं होता। तनाव, चिंता या अवसाद ही हाथ लगते हैं। भविष्य हमारे हाथों में नहीं होता और भूत पर हमारा बस नहीं होता। वर्तमान में जीने का अभ्यास हमें प्रसन्न बना देता है।
दृष्टिकोण का बचाव न करें खुद को खुश रखने का सबसे अच्छा तरीका है तटस्थ बने रहना। यदि आप अपने दृष्टिकोण का बचाव करना बंद कर दें तो आप 99 फीसदी साइकोलॉजिकल एनर्जी बचा सकती हैं।
अच्छी बातों को याद रखें कई स्वतंत्र अध्ययनों से इस बात की पुष्टि हुई है कि जो लोग रोज रात को, दिन में हुई कम से कम तीन अच्छी बातों को लिखते हैं, वे अन्य लोगों की तुलना में अधिक खुशमिजाज होते हैं।