युगांधर ने राजनीतिक रसूख को कभी काम में आड़े नहीं आने दिया। 1992 में उनके बेटे सत्या नडेला की शादी में इसी सादगीपसंद सोच के चलते उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव को भी इसमें आमंत्रित नहीं किया। हालांकि राव शादी में पहुंचे और युगांधर से नाराजगी जताई। उस वक्त वे मंत्रालय में सचिव थे। जब सत्या माइक्रोसॉफ्ट सीईओ बने तो उन्होंने इतना ही कहा था कि -हम चाहते हैं बेटा और तरक्की करे।
नडेला के पिता ने हैदराबाद में अपने शुरुआती वर्षों में अपने बैडरूम में कार्ल माक्र्स का पोस्टर लगा रखा था। उस वक्त किशोर रहे नडेला की स्कूल टीचर मां को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने दूसरी तरफ लक्ष्मीजी की तस्वीर लगा दी। उनके पिता चाहते थे कि बच्चा माक्र्स जैसा बुद्धिमान बने, जबकि उनकी मां की ख्वाहिश थी कि वह सुखी रहे, क्योंकि लक्ष्मीजी सुख-समृद्धि की देवी हैं। सत्या ने अपने पिता से सामाजिक मूल्यों की समझ सीखी।