उधर पुतिन ने भी किए कानून पर दस्तखत वहीं दूसरी तरफ मास्को में, यूक्रेन के 4 क्षेत्रों के रूस में विलय को मंजूरी देने वाले कानून पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। ये इलाके पूर्वी यूक्रेन के हैं, जिन पर रूसी सेना ने हमला करके कब्जा कर लिया था। व्लादिमीर पुतिन के इस कदम से अमेरिका समेत पश्चिमी देश भड़क सकते हैं। रूस का यह फैसला अंतरराष्ट्रीय नियमों के भी विपरीत है। इसी सप्ताह रूसी संसद के दोनों सदनों ने यूक्रेन के दोनेत्सक, लुहान्सक, खेरसन और जापोरिझझिया के विलय वाले कानून को पारित कर दिया था। इसके बाद व्लादिमीर पुतिन को इस पर साइन करना था। अब पुतिन ने इस कानून को मंजूरी दे दी है तो इसके साथ ही इन इलाकों पर भी रूस का कब्जा हो गया है।
आक्रमण से पहले ही रखा था बातचीत का प्रस्ताव पेसकोव ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि फरवरी के अंत में यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान के शुरू होने से पहले ही, मास्को ‘राजनयिक तरीकों से रूसी पक्ष द्वारा सामने रखी गई शर्तों को प्राप्त करने के विचार का समर्थक था।’ प्रवक्ता के अनुसार, रूस अभी भी पड़ोसियों के बीच संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत के लिए तैयार है। लेकिन ‘बातचीत करने के लिए दो पक्षों की आवश्यकता होती है।’
जेलेंस्की ने भी पुतिन से बात करने से किया इंकार पेसकोव ने कहा, “हम अब मौजूदा राष्ट्रपति के अपने रुख को बदलने या यूक्रेन के भावी राष्ट्रपति के आगमन की प्रतीक्षा करेंगे, जो यूक्रेनी लोगों के हितों में अपनी स्थिति बदल देंगे।” मंगलवार को, जेलेंस्की ने यूक्रेन पर पुतिन के साथ शांति वार्ता को आधिकारिक रूप से खारिज करने के लिए एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए।
शुक्रवार को अपने भाषण में भी, पुतिन ने यूक्रेन से सभी शत्रुता को समाप्त करने, 2014 में शुरू हुए युद्ध को रोकने और बातचीत की मेज पर लौटने का आह्वान किया था।