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चांद पर भारत से निचले पायदान पर पहुंचा America, दक्षिणी ध्रुव को फतह करने वाला दूसरा देश बना

संयुक्त राज्य अमेरिका ने लगभग 52 साल बाद अपना पहला लूनर मिशन स्पेसक्रॉफ्ट चांद की सतह पर उतार दिया। ऐसा करने वाला अब वो भारत के बाद दुनिया का दूसरा देश बन गया है। खास बात ये है कि अमेरिका के इस स्पेसक्रॉफ्ट ने चांद के दक्षिणी हिस्से पर लैंड किया है, जहां पर अभी तक सिर्फ भारत का चंद्रयान-3 पहुंचा था।

Feb 23, 2024 / 11:40 am

Jyoti Sharma

America landed spacecraft on the moon

America landed spacecraft on the moon

सिर्फ धरती पर ही नहीं, अंतरिक्ष में भी भारत अमेरिका को कड़ी टक्कर दे रहा है। भारत ने लगभग 6 महीने पहले चांद के दक्षिणी हिस्से पर अपना स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-3 (Chandryan-3) भेजा था। जो कि सफल रहा था और ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। अब अमेरिका ने अपना पहला प्राइवेट स्पेसक्रॉफ्ट चांद के उसी छोर पर पहुंचा दिया है वो भी 52 साल बाद और वो ऐसा करने वाला भारत के बाद दुनिया का दूसरा देश बन गया है।
https://twitter.com/Int_Machines?ref_src=twsrc%5Etfw
अमेरिका के इस मून लैंडर का नाम ओडियस (Odysseus) है। इसे IM-1 के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इस लैंडर को इंट्यूशिव मशींस (IM) ने बनाया है। NASA ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इसकी सारी तस्वीरें साझा की है। जिसमें लैंडर के चंद्रमा की सतह पर लैंड करने की तस्वीरें हैं। NASA के प्रशासक बिल नेल्सन (Bill Nelson) ने इस पर खुशी जताई है और कहा है कि “आज, आधी सदी में पहली बार, अमेरिका चंद्रमा पर लौटा है। सवा लाख मील की यात्रा के आठवें दिन, IM, जीवन भर की लैंडिंग का आनंद लिया। IM के लिए क्या उपलब्धि है, स्पेसएक्स और NASA. ये मानवता के लिए कितनी बड़ी जीत है कि ओडीसियस ने चंद्रमा पर कब्जा कर लिया है।”
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बता दें कि अमेरिका के लिए ये उपलब्धि और भी इसलिए बड़ी है क्योंकि ये अमेरिका का पहला प्राइवेट मिशन था। NASA ने इस प्रोजेक्ट के लिए इंट्यूशिव मशींस (IM) नामक कंपनी से करार किया था। जो भारतीय रुपयों में लगभग 979.52 करोड़ का है। इस कॉन्ट्रैक्ट के बाद IM ने ये स्पेसक्रॉफ्ट ओडियस (Odysseus) बनाया। 15 फरवरी को इस मिशन की लॉन्चिंग हुई थी और 22 फरवरी को ये चांद की सतह पर पहुंच गया। खास बात ये है कि अमेरिका ने इस मिशन के साथ 52 साल बाद चांद पर अपनी जगह बनाई है। क्योंकि इससे पहले साल 1972 में अमेरिका ने अपोलो 17 (Apollo 17) के जरिए चांद पर कदम रखा था।

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