पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वह (प्रोफेसर सिद्दीकी) विश्वविद्यालय परिसर जाने के लिए एक बस पकडऩे जा रहे थे। मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उनकी गर्दन रेत दी और घटनास्थल पर ही उन्हें मार डाला।
अंग्रेजी विभाग के शिक्षक सिद्दीकी लेखक भी थे, और कई सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े हुए थे। हत्या के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है। उनके भाई साजिदउल करीम ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इसके पहले प्रोफेसर को किसी ने कोई धमकी दी थी।
गुप्तचर शाखा के सहायक आयुक्त सुशांत चंद्र रॉय ने कहा कि हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं इस हत्याकांड में कोई आतंकवादी संगठन तो शामिल नहीं है। गौरतलब है कि दो साल पहले राजशाही विश्वविद्यालय के एक शिक्षक शफीउल इस्लाम की भी इसी तरह हत्या कर दी गई थी।
यद्यनि शफीउल की हत्या की जिम्मेदारी इस्लामी कट्टरपंथियों ने ली थी, लेकिन बाद में पुलिस ने यह कहते हुए इस दावे को खारिज कर दिया था कि यह हत्याकांड व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम था।