इससे पहले भी दोनों देशों के बीच सात बार आर्मी लेवल की बातचीत हो चुकी है। जिनमें चार बार ब्रिगेडियर और तीन बार मेजर जनरल रैंक ऑफिसर के साथ हुई, लेकि ये बातचीत बेनतीजा रही।
सूत्रों के मुताबिक, आज की बैठक में पेंगोंग लेक, फिंगर फोर और फिंगर फाइव में चीन के बढ़ते दबाव और अतिरिक्त तैनाती के साथ चीन ने जो टेंट और कैंप के साथ स्थायी ढांचा खड़ा किया है, उसके बारे में बातचीत की गई। भारत ने साफ तौर पर कहा गया कि चीन अप्रेल 2020 की स्थिति पर कायम रहे।
चीन की तरफ से कहा गया कि भारत कोई भी रोड कंस्ट्रक्शन नहीं कर सकता। हालांकि, ये एलएसी पर भारतीय सीमा के अंदर है इसलिए चीन का इस पर कोई भी हस्तक्षेप नहीं बनता। भारत की तरफ से ये बात भी कही गई कि गलवान में चीनी सैनिकों की तैनाती को कम किया जाए और उनको अपनी जगह पर वापस भेजा जाए। इस इलाके में चीन ने अपने सैनिकों की तैनाती भी पिछले दिनों कम की है और पीछे हटा है।
भारतीय सेना ने एक औपचारिक बयान में कहा है कि दोनों देशों के बीच मिलिट्री और डिप्लोमेटिक तरीके से विवाद को हल किया जा सकता है। ये बैठक पॉजिटिव नोट पर खत्म हुई है, लेकिन अभी भी बातचीत जारी रहेगी, ताकि लद्दाख में चीन के दबदबे को कम कर तनाव को खत्म किया जा सके।