अधिकारियों ने मंगलवार देर रात घोषणा की कि वे COVID मामलों के करीबी संपर्कों को अस्थायी आश्रयों में जाने के लिए मजबूर करने के बजाय घर पर क्चॉरंटीन (Quarantine) होने की अनुमति देंगे। इस बीच अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित फ्रीडम हाउस द्वारा संचालित चाइना डिसेंट मॉनिटर का अनुमान है कि शनिवार से पूरे चीन में कम से कम 27 प्रदर्शन हुए। ऑस्ट्रेलिया के ASPI थिंक टैंक ने 22 शहरों में 43 विरोध प्रदर्शनों का अनुमान लगाया है।
विरोध प्रदर्शनों का नाम लिए बिना चीन में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रभारी कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष निकाय ने कहा कि चीन ‘शत्रुतापूर्ण ताकतों की घुसपैठ और तोड़फोड़ की गतिविधियों’ पर पूरी तरह से नकेल कसेगा। केंद्रीय राजनीतिक और कानूनी मामलों के आयोग ने भी कहा, ‘सामाजिक व्यवस्था को बाधित करने वाले अवैध और आपराधिक कृत्यों’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अधिकारों और स्वतंत्रता का प्रयोग कानून के दायरे में होना चाहिए।
वाइट हाउस (White House) के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने (John Kirby) कहा कि चीन में प्रदर्शनकारियों को धमकाया या शारीरिक रूप से नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। किर्बी ने कहा, हम शांतिपूर्ण विरोध के साथ खड़े हैं, चाहे वह चीन में हो या ईरान में या दुनिया भर में कहीं और। कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कहा, चीन में सभी को विरोध करने और खुद को अभिव्यक्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हम मामले पर करीबी से नजर रखे हुए हैं।
चीन में दशकों बाद इस तरह का सार्वजनिक असंतोष फूटा है। लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इस्तीफा मांग रहे हैं। शून्य कोविड नीति के सख्त प्रतिबंधों से नाराज भीड़ के विरोध को रोकने के लिए बीजिंग और शंघाई में यूनिवर्सिटी के छात्रों को घर भेज दिया गया जबकि वहां पुलिस तैनात कर दी गई।