तो वहीं पहले से भारत और चीन के बीच इस मामले के बाद रिश्तों में तलखी के बाद अब हालात और भी नाजुक बन गए हैं। तो वहीं चीन की एक सरकारी मीडिया के मुताबिक, ऐसा करने का मकसद केवल अरुणाचल पर चीन के दावे को याद दिलाना था। क्योंकि चीन शरुआत से अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का इलाका मानता है।
चीन की सरकारी ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक, चीन के नागरिक विभाग के मंत्रालय ने पिछले 14 अप्रैल को एक घोषणा की थी जिसमें बीजिंग ने नियमों के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के छह जिलों के नाम अधिकारिक तौर पर चीनी, रोमन और तिब्बती भाषा के अनुरुप बदल दिए हैं। पिछले दिनों दलाई लामा के भारत यात्रा पर चीन ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारत इस यात्रा को रद्द नहीं करता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जिसके बाद ये मामला सामने आया है।
तो वहीं इसके बाद चीनी मीडिया के मुताबिक चीनी स्टैंडर्ड के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के छह राज्यों के बदलकर वो ग्यैलिंग, मिला री, क्योइदेनगार्बो री, मैनक्यूका, बुमा ला और नामकपुब री रखा गया है। चीन हमेशा से इन इलाकों को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानकर इस अपना अधिकार जताता रहा है। तो वहीं भारत यह इलाका भारत में है। और भारत का इस राज्य पर पूरा नियत्रंण है। बावजूद इसके चीन ने इन छह जिलों का नाम रोमन वर्णमाला के अनुसार बदल दिए हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले चीन ने धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश और तंवाग के दौरे के बाद भारत के सामने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा था कि बीजिंग अपने क्षेत्रिय हितों की रक्षा और अखंडता के लिए आवश्यक कदम जरुर उठाएगा। तो वहीं चीन के इस कदम को उसके इन इलाकों में मजबूत दावेदारी के तौर प देखा जा रहा है।