तनाव में आएगी कमी
उत्तर कोरिया के इस कदम का अमरीका सहित अन्य देशों ने स्वागत किया है। इसे दुनिया की बेहतरी के लिए उठाया गया कदम बताया जा रहा है। ऐसा इसलिए कि हाल ही में उत्तर कोरिया ने अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के लिए डिजाइन इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था, जिससे उसे अमरीकी भूभाग पर परमाणु हमला करने की क्षमता हासिल हो गई है। उसके इस कदम से अमरीकी सुरक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
परमाणु कार्यक्रमों पर रोक जरूरी
दूसरी तरफ जापान के रक्षा मंत्री इटसुनोरी ओनोडेरा ने अपने बयान में कहा कि शांति वार्ता को सार्थक बनाने के लिए उत्तर कोरिया को अपने परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह बंद करने करने होंगे। किम जोंग को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस बात को साबित करना होगा कि वो इस पर अमल करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। तभी जाकर कोरियाई प्रायद्वीप में न केवल विनाशक परमाणु हथियारों की होड़ में कमी आएगी बल्कि शांति को भी बढ़ावा मिलेगा और सभी देशों के बीच आपसी संबंध मजबूत होंगे।
तीखी जुबानी जंग आपको बता दें कि उत्तर कोरिया के तानाशाह
किम जोंग उन के आक्रामक रुख के चलते परमाणु कार्यक्रम से कोरियाई प्रायद्वीप में अक्सर तनाव का माहौल रहता है। विनाशकारी परमाणु कार्यक्रमों को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप और किम जोंग उन के बीच तीखी जुबानी जंग भी हो चुकी है। दोनों देशों के बीच कभी-कभी तनाव का इतना बढ़ जाता है कि जंग छिड़ने तक की आशंका तेज हो जाती है। हालांकि हाल ही में दक्षिण कोरिया में हुए विंटर ओलिंपिक के दौरान दोनों कोरिया के बीच तनाव का माहौल कम हुआ है। उसके बाद दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की भी प्योंगयांग में मुलाकात हुई है। दक्षिण कोरियाई प्रतिनिधिमंडल से किम जोंग ने न केवल मुलाकात की बल्कि उन्हें डिनर पर भी इनवाइट किया। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उत्तर कोरिया भी शांति की दिशा में कदम उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति को प्योंगयांग आने का न्यौता भी दिया है।