नीदरलैंड के नए प्रस्तावित कानून के मुताबिक जिन जगहों पर बुर्का पहन कर जाने की अनुमति नहीं होगी उनमें अस्पताल, स्कूल, सरकारी इमारतें आैर सार्वजनिक परिवहन शामिल है। हालांकि सड़क पर चलते हुए या फिर सरकारी पार्कों में बुर्का पहनने की अनुमति होगी। कानून के खिलाफ पिछले हफ्ते मुस्लिम महिलाआें ने डच संसद में जाकर विरोध किया। उन्होंने इसे धार्मिक आजादी पर रोकटोक बताया है।
30 हजार तक का जुर्माना डच गृहमंत्री रोनाल्ड प्लासतेर्क ने संसद में कहा कि बुर्के या फिर नकाब से सरकारी इमारतों में बात करने में बाधा पैदा होती है। जबकि वहां लोगों का एक दूसरे को देखना बेहद जरूरी है। अगर कोर्इ इस कानून को तोड़ेगा तो उस पर 410 यूरो (30 हजार रुपए) का जुर्माना लगेगा।
1.7 करोड़ की आबादी में सिर्फ 400 महिलाएं ही पहनती हैं बुर्का निचले सदन में पारित मौजूदा बिल पर संसद के ऊपरी सदन की मंजूरी मिलना भी जरूरी है। तभी इसे पूरी तरह से कानून का रूप दिया जा सकेगा। चार साल पहले देश की महागठबंधन सरकार ने फिर बुर्के पर बैन का प्रस्ताव रखा। सरकारी अनुमान के मुताबिक नीदरलैंड की 1.7 करोड़ की आबादी में लगभग 100 से 400 महिलाएं ही बुर्का पहनती हैं।
बैन लगाने की शुरुआत करने वाला फ्रांस पहला देश फ्रांस यूरोप का पहला देश है जिसने बुर्के पर बैन करने का कदम उठाया। 2004 में पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगी। 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्के को पूरी तरह से बैन कर दिया गया। एेसा करने पर 150 यूरो का जुर्माना है। कोर्इ अगर महिलाआें को जबरन बुर्का पहनाएगा तो उस पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है।