scriptPUTIN : इस तरह पुतिन बन जाएंगे रूस के सबसे ताकतवर व्यक्ति | In this way Putin will become Russia's most powerful person | Patrika News
विदेश

PUTIN : इस तरह पुतिन बन जाएंगे रूस के सबसे ताकतवर व्यक्ति

-संवैधानिक बदलावों (Constitutional change) के प्रस्ताव में नजर आया पुतिन के भविष्य का एजेंडा-2000 से 2008 तक और 2012 से अब तक व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) रूस के राष्ट्रपति (russian president) हैं। -1999 से 2000 और फिर 2008 से 2012 तक पुतिन रूस के प्रधानमंत्री (prime minister) रहे। फिर राष्ट्रपति बनने के लिए उन्होंने नियम बदले। -1991 में सोवियत रूस (USSR Dissolution) के विघटन के बाद मौजूदा रूस बना। उस वक्त सोवियत रूस के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव (Mikhail Gorbachev) थे।

Jan 19, 2020 / 07:31 pm

pushpesh

PUTIN : इस तरह पुतिन बन जाएंगे रूस के सबसे ताकतवर व्यक्ति

व्लादिमीर पुतिन

जयपुर.

हाल ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़े संवैधानिक बदलावों का प्रस्ताव रखा है, जो उन्हें 2024 के बाद भी सत्ता में बने रहने में मदद कर सकता है। 2024 में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है। इन प्रस्तावों के बाद प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव ने इस्तीफा दे दिया। संविधान में संशोधन पर विशेषज्ञों का मानना है कि सन् 1999 से ही सत्ता संभालने वाले 67 वर्षीय पुतिन या तो फिर प्रधानमंत्री बनेंगे या अपने लिए किसी नए पद का गठन करेंगे अथवा पर्दे के पीछे रह कर ही ताकतवर भूमिका निभाएंगे। बीते दो दशकों से पुतिन लगातार या तो देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति पद पर रहते हुए सत्ता में बने रहे हैं। जोसेफ स्टालिन के बाद पुतिन किसी भी रूसी या सोवियत नेता से ज्यादा लंबे समय तक पद पर रहने वाले नेता हैं। स्टालिन ने करीब 26 साल तक सोवियत संघ का नेतृत्व किया था।
पुतिन का सुझाव है कि ऐसे लोग जो 25 वर्षों से अधिक समय से रूस में रह रहे हैं और जिनके पास विदेशी पासपोर्ट या स्थाई निवास परमिट नहीं है, राष्ट्रपति बन सकते हैं। पुतिन के प्रस्ताव से बड़ी संख्या में अमीर और पढ़े लिखे रूसी इस दौड़ से बाहर हो जाएंगे। आंकड़ों के मुताबिक 5 लाख 43 हजार रूसी दूसरे देश की नागरिकता या विदेशी परमिट रखते हैं। रूसी नेता के मुताबिक प्रधानमंत्री, मंत्रालय के प्रमुख, गवर्नर और न्यायधीशों को दोहरी नागरिकता और विदेशी निवास परमिट रखने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। पुतिन ने उस नियम को बदलने के संकेत दिए हैं, जिसके जरिए वे 2012 में दोबारा राष्ट्रपति बने थे। अर्थात वह संवैधानिक बदलाव जिसमें राष्ट्रपति लगातार दो कार्यकाल से अधिक नहीं रह सकता है।
नए चेहरे पर दांव कितना सही
रूस के सत्ताधारी दल यूनाइटेड रशिया ने सर्वसम्मति से अर्थशास्त्री मिखाइल मिशुस्तिन को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नामित किया है। रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा में पार्टी का बहुमत होने के कारण इस प्रस्ताव के स्वीकार होने की उम्मीद है। राजनीतिक रूप से अपरिपक्व मिशुस्तिन को लाना चौंकाने वाला फैसला है। विश्लेषकों का मत है कि सत्ता में बने रहने के लिए पुतिन किसी और भूमिका की तलाश में हैं। पुतिन ने इशारा किया है कि वह स्टेट काउंसिल को संविधान के तहत सरकारी एजेंसी के तौर पर मान्यता दे सकते हैं। इस वक्त स्टेट काउंसिल सलाहकार परिषद की तरह है जिसमें 85 क्षेत्रीय गवर्नर और नेता हैं।
मेदवेदेव नहीं हो सकते पुतिन के उत्तराधिकारी
निवर्तमान प्रधानमंत्री मेदवेदेव जानते हैं कि 2024 के बाद वे पुतिन के उत्तराधिकारी नहीं हो सकते, जैसा 2008 में हुआ था। मेदवेदेव 2008 से 2012 तक देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। आगे भी पुतिन के करीबी बने रहने की उम्मीद है। उन्हें रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसके अध्यक्ष खुद पुतिन हैं।

Home / world / PUTIN : इस तरह पुतिन बन जाएंगे रूस के सबसे ताकतवर व्यक्ति

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो