रूस के सत्ताधारी दल यूनाइटेड रशिया ने सर्वसम्मति से अर्थशास्त्री मिखाइल मिशुस्तिन को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नामित किया है। रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा में पार्टी का बहुमत होने के कारण इस प्रस्ताव के स्वीकार होने की उम्मीद है। राजनीतिक रूप से अपरिपक्व मिशुस्तिन को लाना चौंकाने वाला फैसला है। विश्लेषकों का मत है कि सत्ता में बने रहने के लिए पुतिन किसी और भूमिका की तलाश में हैं। पुतिन ने इशारा किया है कि वह स्टेट काउंसिल को संविधान के तहत सरकारी एजेंसी के तौर पर मान्यता दे सकते हैं। इस वक्त स्टेट काउंसिल सलाहकार परिषद की तरह है जिसमें 85 क्षेत्रीय गवर्नर और नेता हैं।
निवर्तमान प्रधानमंत्री मेदवेदेव जानते हैं कि 2024 के बाद वे पुतिन के उत्तराधिकारी नहीं हो सकते, जैसा 2008 में हुआ था। मेदवेदेव 2008 से 2012 तक देश के राष्ट्रपति रह चुके हैं। आगे भी पुतिन के करीबी बने रहने की उम्मीद है। उन्हें रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसके अध्यक्ष खुद पुतिन हैं।