scriptब्रिटेन-जापान में मंदी, जर्मनी-चीन का बुरा हाल और अमरीका कर्ज से बेहाल, जानिए कैसे हो रहा है भारत मालामाल? | India Become Third Biggest Economy In World In 2027 Recession in Germany, China, Japan, Britain And America Suffering from Debt know how India Economy In Rocket Speed | Patrika News
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ब्रिटेन-जापान में मंदी, जर्मनी-चीन का बुरा हाल और अमरीका कर्ज से बेहाल, जानिए कैसे हो रहा है भारत मालामाल?

India Become Third Biggest Economy In World In 2027 : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का कहना है कि वर्ष 2026 में भारत जापान (Japan) से आगे निकल जाएगा और 2027 में जर्मनी (Germany) को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। दुनिया के कई बड़े देश ब्रिटेन (Britain) ,जापान(Japan), जर्मनी(Germany), चीन(China) और अमरीका(America) मंदी की समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन भारत की इकोनॉमी रॉकेट की स्पीड से बढ़ रही है।
 
 

Feb 16, 2024 / 12:10 pm

Anand Mani Tripathi

India Become Third Biggest Economy In World Recession in Germany China Japan Britain And America

Recession in Germany, China, Japan, Britain And America : दुनिया के कई बड़े देश मंदी की समस्या से जूझ रहे हैं। ब्रिटेन और जापान मंदी में फंस गया है। जर्मनी और चीन का भी बुरा हाल है। अमरीका तो भारी कर्ज से बेहाल है, लेकिन भारत की इकोनॉमी रॉकेट की स्पीड से बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) का कहना है कि वर्ष 2026 में भारत जापान से आगे निकल जाएगा और 2027 में जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। लेकिन जापान और जर्मनी की इकोनॉमी जिस तरह संघर्ष कर रही हैं, उससे लग रहा है कि भारत को टॉप तीन में पहुंचने में इतना लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

 

Recession in Britain-Japan :जापान की अर्थव्यवस्था टेक्निकल रूप से मंदी में है। लगातार दो तिमाहियों में इकोनॉमी में गिरावट को मंदी कहा जाता है। दिसंबर तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में 0.4फीसदी और सितंबर तिमाही में 3.3 फीसदी की गिरावट आई थी। इसके साथ ही जापान दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में तीसरे से चौथे स्थान पर खिसक गया है। जर्मनी अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहीं दिसंबर तिमाही में ब्रिटेन की इकोनॉमी में 0.3 फीसदी और सितंबर में 0.1 फीसदी की गिरावट आई थी। ब्रिटेन की इकोनॉमी में पिछले करीब दो साल से ठहराव की स्थिति है।

 


चीन को कई मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ रहा है। देश में बेरोजगारी चरम पर है, रियल एस्टेट सेक्टर गहरे संकट में है, विदेशी कंपनियां और निवेशक अपना बोरिया बिस्तर समेट रहे हैं और अमरीका के साथ तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निवेशकों का मोह अब भंग होने लगा है। आइएमएफ के मुताबिक, चीन की इकोनॉमी में वर्ष 2028 तक लगातार गिरावट आने की आशंका है। माना जा रहा है कि रियल एस्टेट संकट चीन की पूरी इकोनॉमी को डुबो सकता है।

 


अमरीका का कर्ज पिछले 24 साल में छह गुना बढ़ गया है। देश पर 34.2 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है। पिछले तीन साल में ही देश का कर्ज 10 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बढ़ चुका है। यूएस कांग्रेस के बजट दस्तावेजों के मुताबिक, अगले दशक तक देश का कर्ज 54 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। अमरीका को रोज 1.8 अरब डॉलर ब्याज के भुगतान में खर्च करने पड़ रहे हैं।

 


वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक तेजी से 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी जो बढ़ी जो 2023-24 में 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। अगले दो साल भी यही स्थिति रहने का अनुमान है। भारत में युवाओं की एक बड़ी आबादी है और माना जा रहा है कि उसे अगले कई साल तक डेमोग्राफिक डिविडेंड का फायदा मिलता रहेगा। यानी अगला दशक भारत का होने जा रहा है।

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