हंटर बाइडेन ऐसा कदम उठाने जा रहे हैं, जो पहले किसी संभावित राष्ट्रपति के पुत्र ने नहीं किया। पिता जो बाइडेन के राष्ट्रपति चुनाव जीतने की सूरत में विदेशी व्यापार छोडऩे का संकल्प उन्हें ट्रंप की संतानों से अलग करता है। जो पिता के व्हाइट हाउस में बैठने के बावजूद दुबई, इंडोनेशिया और भारत तक विदेशी व्यापार कर रहे हैं।
ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते बिजनेस को चलाया
2016 में चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने ट्रंप ऑर्गेनाइजेश को अपने बेटों डॉनल्ड जूनियर और एरिक को सौंप दिया और कहा कि वह कोई नई डील नहीं करेंगे। हाल ही एक अमरीकी दैनिक ने लिखा है कि अभी भी वे विदेशों में पैसा कमा रहे हैं। दोनों बेटों ने अपने पिता की देखरेख में कारोबार को विदेशों तक फैलाया। इतना ही नहीं डॉनल्ड ट्रंप इसमें स्वामित्व भी रखते हैं। इस बीच ट्रंप की बेटी इवांका और दामाद जेरेड कुशनर ने व्हाइट हाउस में खुद को बिजनेस होल्डिंग में विभाजित किए बिना विदेशी लेनदेन के लिए काम किया, जिससे विदेशी नेताओं को लगने लगा ये दोनों हेरफेर कर सकते हैं।
2016 में वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चार देशों के अधिकारियों ने निजी तौर पर उन व्यापारिक संभावनाओं पर चर्चा की, जिसमें राष्ट्रपति के दामाद और वरिष्ठ सलाहकार जेरेड कुशनर की विदेशी नीति में अनुभव की कमी और वित्तीय पचीदगियों का फायदा उठाकर हेरफेर कर सकते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने विदेशी सौदों के लाभ को असंवैधानिक ढंग से प्राप्त किया और अपने कर रिटर्न को जारी करने से इनकार कर दिया, ताकि आय के स्रोतों का पता ना चले। दूसरी ओर हंटर बाइडेन हैं, जिनके पिता पद पर नहीं हैं और चीनी कंपनी के बोर्ड में सेवारत हैं। इन दोनों खबरों के दृष्टिकोण में भिन्नता चिंताजनक है। ये समझ से बाहर है कि एक तरफ डॉनल्ड ट्रंप के बच्चों को मीडिया कवर दे रहा है, जबकि हंटर के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने के बावजूद एक आरोपी की तरह पेश किया जा रहा है।