सीरियाई तानाशाह बशर अल असद ने रूस और ईरान की मदद से अपने ही देश के अल्पसंख्यकों का नरसंहार करवाया। इतना ही नहीं रूसी सेना का इस्तेमाल किया और ईरान के मिलिशिया ने लेबनान से अफगानिस्तान तक उसकी मदद की। संयुक्त राष्ट्र के जांच आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी सीरिया में तुर्की की आड़ में कुर्द और यजीदियों को निशाना बनाया गया।
ईरानी क्रांति के बाद से इस्लामी गणतंत्र ने न केवल यहूदी समुदाय का खात्मा किया, बल्कि विश्व के मानचित्र से यहूदियों के सफाए की धमकी भी दे डाली। देश में यहूदियों की आबादी एक लाख से घटकर महज 9 हजार रह गई है। एंटी डेफेमेशन लीग के अध्ययन में पाया गया कि ईरान असामाजिकता सिखाता है और स्कूली बच्चों को यहूदी समुदाय और अमरीका के खिलाफ उकसाता है।
ईरान ने यमन में हूती नियंत्रण वाले प्रांतों में बहाई समुदाय के लोगों को मनमाने कारावास और यातना के हवाले कर दिया। 2016 में तुर्की में तख्तापलट की विफल कोशिश के बाद से यहां की सरकार ने ईसाई, यहूदियों व मुस्लिम अल्पसंख्यक एलेविस पर यातनाएं तेज कर दी। सरकार पोषित मीडिया और हिंसक चरमपंथी समूहों ने इनपर तरह-तरह के हमले शुरू कर दिए।