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ANALYSIS : मध्य-पूर्व में निशाने पर यहूदी और अन्य अल्पसंख्यक, जाने कितने बचे हैं?

2003 में 15 लाख ईसाई थे इराक में, जो अब 1.20 लाख के आसपास हैं।9000 यहूदी हैं ईरान में अभी, जो पहले एक लाख से अधिक थे।

Mar 16, 2021 / 01:02 am

pushpesh

MIDDLE EAST : मध्य-पूर्व में निशाने पर यहूदी और अन्य अल्पसंख्यक, जाने कितने बचे हैं?

9000 यहूदी हैं ईरान में अभी

मध्य-पूर्व और कैथोलिक चर्च के बीच संबंधों को संवारने की दिशा में पिछले दिनों पोप फ्रांसिस ने इराक से यात्रा शुरू की। उनकी यात्रा का एक साफ संदेश था कि मध्य-पूर्व में ईसाई और दूसरे अल्पसंख्यकों के साथ सबकुछ ठीक नहीं है। दरअसल, मध्य-पूर्व उन तीन अब्राहम धर्मों (ईसाई, यहूदी और इस्लाम) का उद्गम स्थल है, जिनके पूरी दुनिया में चार अरब से अधिक अनुयायी हैं। पिछले कुछ दशकों में दमनकारी सरकारें और हिंसक चरमपंथी आंदोलन मध्य-पूर्व से विविध धार्मिक समुदायों को मिटाने को आतुर हैं। आज सीरिया और यमन में यहूदी नाममात्र के बचे हैं, जबकि तुर्की ने कैथोलिक धर्म मानने वाले कैलेडियन ईसाइयों के साथ ऐसा ही किया।
इराक का कुर्द भाषी यजीदी समुदाय भी इस्लामिक स्टेट की संहारक सोच से बचा है। इसी तरह इराक का स्वदेशी मांडियन समुदाय भी विलुप्त होने के कगार पर है। दुनिया में मांडियन समुदाय के करीब 70 हजार लोग ही बचे हैं, इनमें दस हजार से अधिक ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। तुर्की के रूढि़वादी ग्रीक, यहूदी और सीरियाई ईसाई नागरिक अपने घरों को छोडकऱ प्रवासी हो गए। मिस्र में कॉप्टिक ईसाई लगभग एक करोड़ हैं, लेकिन हडसन इंस्टीट्यूट के सैमुअल टेड्रोस के अनुसार इनमें ज्यादातर मिस्र की सीमाओं के बाहर हैं। मध्य-पूर्व और अन्य देशों में इन समुदायों की रक्षा और पुनर्वास के लिए विश्व की निगाहें अब अमरीका पर हैं।
रूस-ईरान की मदद से असद के जुल्म
सीरियाई तानाशाह बशर अल असद ने रूस और ईरान की मदद से अपने ही देश के अल्पसंख्यकों का नरसंहार करवाया। इतना ही नहीं रूसी सेना का इस्तेमाल किया और ईरान के मिलिशिया ने लेबनान से अफगानिस्तान तक उसकी मदद की। संयुक्त राष्ट्र के जांच आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी सीरिया में तुर्की की आड़ में कुर्द और यजीदियों को निशाना बनाया गया।
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स्कूली बच्चों को पढ़ा रहे नफरत का पाठ
ईरानी क्रांति के बाद से इस्लामी गणतंत्र ने न केवल यहूदी समुदाय का खात्मा किया, बल्कि विश्व के मानचित्र से यहूदियों के सफाए की धमकी भी दे डाली। देश में यहूदियों की आबादी एक लाख से घटकर महज 9 हजार रह गई है। एंटी डेफेमेशन लीग के अध्ययन में पाया गया कि ईरान असामाजिकता सिखाता है और स्कूली बच्चों को यहूदी समुदाय और अमरीका के खिलाफ उकसाता है।
बहाई समुदाय भी यातना का शिकार
ईरान ने यमन में हूती नियंत्रण वाले प्रांतों में बहाई समुदाय के लोगों को मनमाने कारावास और यातना के हवाले कर दिया। 2016 में तुर्की में तख्तापलट की विफल कोशिश के बाद से यहां की सरकार ने ईसाई, यहूदियों व मुस्लिम अल्पसंख्यक एलेविस पर यातनाएं तेज कर दी। सरकार पोषित मीडिया और हिंसक चरमपंथी समूहों ने इनपर तरह-तरह के हमले शुरू कर दिए।

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