चीन की धमकी से डरे बिना पहुंचीं नैंसी पेलोसी , ताइवानी जनता को दिया यह संदेश
संयुक्त राज्य अमरीका लंबे समय से “रणनीतिक अस्पष्टता” की नीति पर चल रहा है। साफ तौर पर यह स्पष्ट नहीं कर रहा है कि वह ताइवान पर हमले का सैन्य जवाब देगा या नहीं, क्योंकि व्हाइट हाउस के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि ताइवान को लेकर अमरीका की नीति नहीं बदलेगी। दरअसल अस्पष्टता तानवान की रक्षा को लेकर अमरीकी सेना तानवान की धरती पर उतारने को लेकर है।
अमरीकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान दौरे के बाद चीन ने ताइवान को चारों तरफ से घेरकर युद्धाभ्यास शुरू कर दिया था, जिसको लेकर ताइवान के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि हम इस पर नजर बनाए हुआ है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं, जिसके बाद अमरीका और चीन के बीच तनाव सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
दरअसल चीन वन चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है, लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश बताता है।चीन ताइवान को झुका कर अपने कब्जे को मनवाना चाहता है, इसी के कारण ताइवान और चीन के बीच तनातनी बनी हुई है। वहीं अमरीका भी चीन की ‘वन चाइना पॉलिसी’ को मानता है, लेकिन ताइवान को चीन का हिस्सा नहीं मानता है।
इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति ने जो बाइडेन ने स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान दौरे से पहले कहा था कि हमने वन चाइना पॉलिसी को साइन किया, लेकिन चीन बल के प्रयोग से ताइवान पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि चीन का ताइवान पर कब्जे का कदम एक तरह की नई जंग शुरू कर देगा। हालांकि इस बार उन्होंने ताइवान की अमरीकी सेना के द्वारा रक्षा करने की बात कही है।