अस्थियों से भरे आठ कलश ले जा रहे
दशकों से समाजसेवा में लगे भट्टी ने कहा कि वह “आप के फंडिंग प्रकरण से किसी भी तरह से जुड़े नहीं हैं”। वह ऑरोर डॉन नामक संगठन चलाते हैं जो फ्रांस में मरने वाले भारतीयों के दाह संस्कार में मदद करता है। इस भारत यात्रा पर भी वह फ्रांस (France) में अंतिम संस्कार किए गए भारतीयों के अस्थियों से भरे आठ कलश ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे खालिस्तान ( Khalistan ) समर्थक फंडिंग से कोई लेना-देना नहीं है। मेरे खिलाफ शिकायत गलत है।
वह एक सामाजिक कार्यकर्ता
एनआरआई ने यह दिखाने के लिए दस्तावेज भी पेश किए कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता है और जब भी वह फ्रांस गया तो उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने दावा किया कि कुछ हफ्ते पहले उन्होंने ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी के साथ मिलकर पेरिस में पीएम मोदी के पक्ष में एक कार रैली भी आयोजित की थी।
जंतर-मंतर पर उपवास
उप राज्यपाल के प्रधान सचिव ने 5 मई को केंद्रीय गृह सचिव को एक पत्र भेजा था, जिसमें दिल्ली सरकार के एक फैसले पर आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की ओर से भट्टी को लिखे गए जनवरी 2014 के एक अन्य पत्र का जिक्र था। भट्टी तब 1984 के सिक्ख विरोधी दंगों की एसआईटी जांच और दशकों से जेलों में बंद देविंदर पालसिंह भुल्लर सहित सिक्खों को रिहा करने की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर उपवास कर रहे थे।
केजरीवाल का भट्टी को पत्र
भट्टी को लिखे केजरीवाल के पत्र में उल्लेख किया गया है, “आप सरकार पहले ही राष्ट्रपति को भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है और एसआईटी के गठन सहित अन्य मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक और समयबद्ध तरीके से काम करेगी।”
भारत सरकार से एक पुरस्कार और 11 सम्मान मिले
एनआरआई इकबाल सिंह भट्टी की संस्था फ्रांस में मारे गए भारतीयों के शव या तो स्वदेश भेजती है या फिर वहीं अंतिम संस्कार करती है। पिछले 20 वर्षों में, उनके संगठन ऑरोर डॉन ने 371 शवों को संभाला, जिनमें से 122 का फ्रांस में अंतिम संस्कार किया गया। भट्टी को सात स्वर्ण पदक, भारत सरकार से एक पुरस्कार और 11 सम्मान प्रमाण पत्र मिले हैं, जिसमें भारतीय दूतावास से कोविड के दौरान मिला एक प्रमाण पत्र भी शामिल है।