scriptमलेशिया में फंसा सीरिया का ये शख्स, बिना पैसे के एयरपोर्ट पर जी रहा है ऐसी जिंदगी | This Syrian refugee has been living in an airport for more than a mont | Patrika News
एशिया

मलेशिया में फंसा सीरिया का ये शख्स, बिना पैसे के एयरपोर्ट पर जी रहा है ऐसी जिंदगी

वीजा समाप्त होने की वजह से एयरपोर्ट पर रह रहे हैं हसन अल कोंतर। हॉलीवुड फिल्म ‘द टर्मिनल’ से मिलती-जुलती है हसन की कहानी

नई दिल्लीApr 23, 2018 / 05:10 pm

Mazkoor

syria hassan
नई दिल्ली : यह खबर उनके लिए हैं जो एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की लेट लतीफी की शिकायतें करते रहते हैं। जरा इस शख्स की कहानी सुनिए जो करीब एक महीने से भी ज्यादा वक्त से एयरपोर्ट पर रह रहा है। उसका नाम है हसन अल कोंतर।
36 साल के सीरिया शरणार्थी हसन अल को मलेशिया के कुआलालम्पुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंसे हुए एक महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है। मार्च में हसन अल के विजिटर वीजा की समय सीमा खत्म हो गई थी। जिसके बाद मलेशियाई सरकार ने उन्हें अपने देश में काम और रहने से इनकार कर दिया। एयरलाइंस भी उन्हें अपने जहाज पर जाने की अनुमति नहीं दे रही है। हसन अल कोंतर ट्रांजिट जोन में रह रहे हैं।
syria
कहानी पूरी फिल्मी है
हसन अल कोंतर की कहानी पूरी फिल्म कहानी है। हसन की स्टोरी हॉलीवुड फिल्म ‘द टर्मिनल’ से बिल्कुल मिलती जुलती है। वर्ष 2004 में आई फिल्म ‘द टर्मिनल’ एक अमरीकन कॉमेडी-ड्रामा फिल्म थी जिसे मशहूर निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग ने निर्देशित किया था। इस फिल्म में मुख्य अभिनेता टॉम हंक्स थे। यह फिल्म भी एक वास्तविक घटना पर आधारित थी। फिल्म में मुख्य किरदार विक्टर नवोरोस्की का वीजा समाप्त हो जाता था। इस बीच गृहयुद्ध भी आरंभ हो जाता है। ऐसी परिस्थिति बन जाती हैं कि विक्टर को अमरीका के एयरपोर्ट पर महीने गुजारने पड़ जाते हैं। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले टॉम हंक्स को भी हसन अल कोंतर अपने बारे में सोशल मीडिया पर बता चुके हैं। जिससे उनके हालात दुनियाभर के लोगों तक पहुंच सकें। हालांकि उनकी इस फिल्मी कहानी को कई लोगों ने दुनिया के सामने लाकर भी रखा है लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है।
syria
कैसे शुरू हुआ हसन का मुश्किलों भरा सफर ?
सीरिया में जब गृहयुद्ध शुरू हुआ था तो हसन अल कोंतर यूएई चले गए। 2012 में सीरिया सरकार से उन्होंने अपने पासपोर्ट को रिन्यू कराने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्हें सरकार ने मना दिया क्योंकि हसन अल कोंतर ने सैन्य सेवा पूरी नहीं की थी। 2017 में यूएई से भी उन्हें निकाल दिया गया। उसके बाद हसन ने मलेशिया से संपर्क साधा। पहले मलेशियाई सरकार के अधिकारियों ने सीरियाई शरणार्थी के रूप में रहने के लिए उन्हें वीजा देने पर चर्चा की, मगर बाद में कार्य करने के पूरे अधिकार को नकार दिया। हसन इक्वेडोर और कंबोडिया के देश भी गए मगर वहां पर सफलता नहीं मिली। उनका जिंदगी अब दुश्वार हो गई है। अपने जीवन की कहानी हर रोज हसन सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताते हैं, और लोगों से इस मुसीबत में निकालने की मदद की गुहार लगाते हैं। अराइवल एरिया ही अब हसन का घर बन चुका है। वह वहां सीढ़ियों के नीचे सोते हैं। दान दिए गए एयरलाइन भोजन खाकर अपना गुजारा कर रहे हैं।
https://twitter.com/hashtag/syrian_stuck_at_airport?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

Home / world / Asia / मलेशिया में फंसा सीरिया का ये शख्स, बिना पैसे के एयरपोर्ट पर जी रहा है ऐसी जिंदगी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो