चुनाव के बाद यह पहला मौका है जब सार्वजनिक मंच से टिप्पणी करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने इंडियानापोलिस स्थित करियर प्लांट के कर्मचारियों से कहा कि ‘अब बिना परिणाम भुगते कंपनियां अमेरिका छोड़ कर बाहर नहीं जा सकेंगी। यह अब नहीं होने जा रहा है।’ ट्रंप ने कहा, ‘कंपनिया बेहतर डील की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य जा सकती हैं, लेकिन देश छोड़ कर जाना अब आसान नहीं होगा’।
गौरतलब हो कि अपने चुनावी सभाओं में ट्रंप ने देश छोड़कर बाहर जाने वाली कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर कोई फार्म देश छोड़ सस्ते मजदूर की तलाश में एशिया और मेक्सिको जैसे देशों की ओर रुख करेगा तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यूनाइटेड टेक्नोलॉजिज कॉरपोरेशन के ब्रांड करियर की ओर इशारा करते हुए ट्रंप ने अपनी रैली सभा में यह भी कहा था कि अगर देश के राष्ट्रपति बनते हैं तो वह इस कंपनी को देश से हजारों नौकरियां नहीं ले जाने देंगे और इसके लिए वो इस कंपनी को प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। साथ ही यह कहा था कि अगर कंपनी ऐसा करती है तो उनका प्रशासन करियर के उत्पादों पर भारी जुर्माना लगाएगा।
करियर ने अपने एक बयान में कहा, ‘अमेरिका के निर्वाचित उप राष्ट्रपति और इंडियाना के होने वाले गर्वनर माइक पेंस की मदद से हुए एक समझौते के तहत राज्य करियर को प्रोत्साहन राशि के तौर पर 10 साल में 70 लाख डॉलर देगा। पेंस ने कहा कि इस डील से ‘द हर्ट ऑफ द हर्टलैंड’ में 1,100 नौकरियां बनी रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘यह इंडियाना और अमरीका में काम कर रहे लोगों के लिए विशेष दिन है।’
जहां ट्रंप के समर्थक इस कदम की सराहना कर रहे हैं, वहीं उदारवादी नेता और सिनेटर बर्नी सैंडर्स ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि इस समझौते से अमेरिका के लोगों को चिंतित होना चाहिए। गौरतलब हो कि डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से देश की आर्थिक नीतियों में बदलाव होंगे जिसका असर अमेरिका की करंसी पर भी जरुर दिखेगा।