9 मार्च को होगी बातचीत
तुर्की की तरफ से आज ही इस बारे में जानकारी दी गई है कि आने वाले 9 मार्च को स्वीडन और फिनलैंड के नाटो का मेंबर बनने के प्रस्ताव पर बात होगी। इस मामले में तुर्की की स्वीडन और फिनलैंड से बातचीत होगी।
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क्यों तुर्की है स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के लिए अहम? किसी भी नए देश के नाटो का मेंबर बनने के लिए मौजूदा सभी मेंबर्स की सहमति ज़रूरी होती है। स्वीडन और फिनलैंड के नाटो मेंबर बनने पर 29 देश अपनी सहमति पहले ही दे चुके हैं, पर तुर्की ने पहले ऐसा नहीं किया था। इसलिए तुर्की की सहमति भी अहम है।
क्या है वर्तमान स्थिति?
तुर्की पहले स्वीडन और फिनलैंड दोनों के ही नाटो में शामिल होने के पक्ष में नहीं था। पर अब इस स्थिति में कुछ बदलाव हुआ है। कुछ समय पहले तुर्की ने यह साफ कर दिया था कि फिनलैंड अब नाटो में शामिल हो सकता है और इससे उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं है। इसके चलते फिनलैंड की संसद में नाटो में शामिल होने की प्रोसेस शुरू हो गई है। हालांकि स्वीडन के बारे में तुर्की ने अभी भी ग्रीन लाइट नहीं दी है।