भारत में इस साल 6,40,000 नवजातों के मारे जाने के मामले दर्ज किए गए । संख्या के लिहाज से नवजात की मौतों के मामले में भारत पहले नंबर पर रहा। यहां नवजात मृत्यु दर 25.4 प्रति हजार रही। इस तरह से दुनियाभर में जन्म लेने के कुछ समय या दिनों के भीतर मौत के 24 प्रतिशत मामले भारत में दर्ज किए गए। जबकि संख्या के मामले में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर है। यहां 2,48,000 शिशुओं की जन्म के कुछ समय बाद मौत हो गई।
इस रिपोर्ट में बांग्लादेश, इथोपिया, गिनी-बिसाऊ, भारत, इंडोनेशिया, मालावी, माली, नाइजीरिया, पाकिस्तान और तंजानिया को सबसे ज्यादा ध्यान केंद्रित करने वाले देशों में रखा गया है। इन 10 देशों में दुनियाभर में नवजात बच्चों की मौत के आधे से ज्यादा मामले आते हैं।
जापान आइसलैंड और सिंगापुर सबसे सुरक्षित देश
‘एवरी चाइल्ड अलाइव’ (द अर्जेंट नीड टू एंड न्यूबॉर्न डैथ्स) शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में जापान, आइसलैंड और सिंगापुर को जन्म के लिए सबसे सुरक्षित देश बताया गया है, जहां जन्म लेने के पहले 28 दिन में प्रति हजार बच्चों पर मौत का केवल एक मामला सामने आता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में करीब 26 लाख बच्चों की जन्म लेने के एक महीने के अंदर ही मौत हो जाती है। इसके अलावा करीब 26 लाख बच्चे प्रतिवर्ष मृत ही जन्म लेते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में रोजाना करीब 7000 नवजात बच्चे काल के गाल में समा जाते हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक मामलों में बुनियादी सुविधा उपलब्ध करा कर बच्चों की जान बचाई जा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार उच्च आय वाले देशों में औसत नवजात मृत्युदर तीन है, वहीं कम आय वाली श्रेणी में आने वाले देशों में यह दर 27 प्रति हजार है।