उधर दक्षिण कोरिया किम यो जोंग को बड़ी भूमिका मिलने से दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने की दिशा में महत्वपूर्ण मान रहा है। तर्क है कि वह किम जोंग के साथ मिलकर सेतु का काम करेंगी। हालांकि दोनों देशों के बीच हॉटलाइन संचार बंद करने संबंधी किम यो जोंग के निर्णय के बाद ये उम्मीद कमजोर पड़ गई। दरअसल उत्तर कोरिया अपने बागी नागरिकों को लेकर भी दक्षिण कोरिया से खफा है, जिनके उकसावे पर दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया की सीमा में भडक़ावे वाले पर्चे फेंके थे।
एक्सपट्र्स के मुताबिक किम यो जोंग ने हमेशा अपने भाई के पीछे रहते हुए अपनी खुद की जगह बनाई है। उन्होंने कभी आगे आकर किसी तरह की प्रतियोगिता को पैदा करने की कोशिश नहीं की। जोंग उन ने भी बहन के कद को समय-समय पर बढ़ाया। शायद यही वजह रही कि किम अहम राजनीतिक और डिप्लोमैटिक मुद्दों पर अपनी राय रखती रहीं। कम यो जोंग को अपने भाई के बारे में सब पता है। किम यो जोंग अपने भाई की सबसे वफादार हैं और विदेशियों और दक्षिण कोरिया से डील करती हैं।