ईरान से भारत के संबंध (India-Iran Relations)
भारत और ईरान के बीच के संबंध का काफी पुराना इतिहास है। दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान, व्यापारिक और कनेक्टिविटी सहयोग, सांस्कृतिक संबंध हैं। 15 मार्च 1950 को भारत और ईरान ने मैत्री संधि (India-Iran Relations) पर हस्ताक्षर किए थे। भारत और ईरान के बीच संसदीय अध्यक्ष स्तर की दो यात्राएं हो चुकी हैं, जिसमें पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार (Meera Kumar) ने 2011 में ईरान का दौरा किया था, इसके बाद 2013 में मजलिस के अध्यक्ष डॉ. अली लारिजानी ने भारत की वापसी यात्रा की थी।
2022 में हुई थी पहली बार पीएम मोदी से मुलाकात
वहीं भारत के प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) और राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने पहली बार सितंबर 2022 में समरकंद, उज्बेकिस्तान में SCO राष्ट्र प्रमुखों के शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात हुई थी। जिसके दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग, खासकर व्यापार और कनेक्टिविटी के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई थी। दोनों नेताओं की अगस्त 2023 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) से इतर भी मुलाकात हुई थी। चाबहार बंदरगाह ईरान और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते को बढ़ाने के लिए एक अहम सेतु के काम कर रहा है। जो ईरान के साथ भारत के मजबूत रिश्ते की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।
भारत से तेल समेत अहम वस्तुओं का आयात-निर्यात
भारत हाल के वर्षों में ईरान के पांच सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक रहा है। ईरान को भारत चावल, चाय, चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, मानव निर्मित स्टेपल फाइबर, विद्युत मशीनरी, कृत्रिम आभूषणों का निर्यात करता है। जबकि ईरान से प्रमुख भारतीय आयात में सूखे मेवे, अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन, कांच के बर्तन शामिल हैं।
इजरायल के साथ भारत के संबंध (India-Israel Relations)
इजरायल के साथ भारत के संबंध ईरान के मुकाबले काफी मजबूत हैं। अगर दोनों की तुलना करें तो इजरायल के साथ भारत (India-Israel Relations) कई मोर्चों पर डटा हुआ है। चाहे वो दोनों देशों के बीच राजनैतिक संबंध हों, चाहे वो कृषि हो, शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, डिफेंस सेक्टर हो या पानी को लेकर संधि हो, इजरायल और भारत लगभग हर मोर्चे पर एक-दूसरे के साथ हैं। बीते साल 3 मार्च को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट से मुलाकात की जो दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच की पहली मुलाकात थी। इसके अलावा तत्कालीन इजरायली रक्षा मंत्री बेंजामिन गैंट्ज़ ने भी जून 2022 में भारत का दौरा किया था। भारत के तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे ने नवंबर 2021 में इज़राइल का दौरा किया था। भारत के वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने अगस्त 2021 में इज़राइल का दौरा किया। रक्षा पर संयुक्त कार्य समूह की बैठक आखिरी बार अक्टूबर, 2021 में इज़राइल में हुई थी।
‘ऑपरेशन अजय’ चलाकर इजरायल से अपने नागरिकों को वापस लाया था भारत
ये इजरायल के साथ भारत के मैत्री संबंधों का ही नतीजा था कि 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमास के हमले के बाद भारत सरकार ने ऑपरेशन अजय चलाकर इजरायल में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस ले आई थी। जिसमें इजरायल के अधिकारियों ने काफी मदद किया था।
तो किसका साथ देगा भारत?
अब भारत इन दोनों देशों में से किसके साथ खड़ा होगा इस पर कुछ दिन पहले भारत के व्यापार सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा था कि ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष का क्या प्रभाव होगा, इसे पूरी तरह समझने के बाद ही भारत दोनों देशों से व्यापार पर होने वाले प्रभाव को देखते हुए आगे कदम उठाएगा और ये तय करेगा कि उसे किसका साथ देना चाहिए और किसका नहीं।