Solar Eclipse 2024 के दौरान क्या करेंगे रॉकेट ?
रिपोर्ट का कहना है कि NASA सैटेलाइट के सिग्नल्स और रेडियो आवृत्तियों (frequency) पर संभावित प्रभाव का पता लगाना चाहते है। इसके लिए NASA रॉकेट से खास उपकरणों को आयनमंडल में ले जाएगा। जो ग्रहण के दौरान आ रहे वायुमंडल में बदलावों को रिकॉर्ड करेगा।
क्या है आयनमंडल?
बता दें कि आयनमंडल (Ionosphere) पृथ्वी के वायुमंडल को बनाने वाली कई परतों में से एक परत है जो धीरे-धीरे और आखिर में अंतरिक्ष में परिवर्तित हो जाती है। आयनमंडल में मौसम के जो हालात बनते हैं वो सैटेलाइट के संचार को प्रभावित करते हैं क्योंकि जीपीएस सिग्नल इसी से होकर गुजरते हैं।
आयनमंडल से ही हो पाता है संचार
मौसम विज्ञानी जोनाथन बेल्स के मुताबिक वायुमंडल के शीर्ष पर अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों की एक परत है जो टूट गई है यानी वो आयनित हो गई है। यही आयनमंडल बन जाता है। ये वही परत है जो दुनिया भर में कई तरह के संचार के लिए जिम्मेदार होती है। अगर ये ना हो तो तरंगें अंतरिक्ष में लीक हो जाएंगी और संचार हमेशा के लिए ख़त्म हो जाएगा।
ग्रहण (Solar Eclipse 2024) से क्या फर्क पड़ेगा
दरअसल आयनमंडल में मौसम की स्थिति बदलती रहती है क्योंकि जब सूरत छिपता है तब उस दौरान तापमान और वायुमंडल की परत की दूसरी विशेषताओं में बदलाव होता है। नासा के मुताबिक सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) के दौरान आयनमंडल में वायुमंडलीय स्थितियां तेजी से बदलेंगी, जिससे वायुमंडलीय तरंगें पैदा होंगी। ये तंरगे ही वैज्ञानिकों को आयनमंडल में आए बदलावों का अध्ययन करने में मदद करेंगी।