जमीन से रास्ता दिखाएंगे एरो टावर्स
ड्रोन सुपर हाई-वे (Drone Super Highway) में 30 ‘एरो टावर्स’ शामिल होंगे जो जमीन से ड्रोन को नियंत्रित कर सकते हैं। साथ में, ये टावर एक वर्चुअल हाई-वे बनाएंगे जो ड्रोन को मानव पायलट की आवश्यकता के बिना सुरक्षित रूप से यात्रा करने की सुविधा देगा। जमीन पर मौजूद प्रत्येक टॉवर एक ‘मानव जासूस’ के रूप में कार्य करता है, जिससे ड्रोन को किसी भी मानव पायलट की दृष्टि से बहुत दूर तक उड़ाया जा सकता है। हर टावर 4 किमी की रेंज देने के साथ ड्रोन को सुपरहाइवे की रेंज से ‘पास’ करेगा ताकि वे लंबी दूरी तक उड़ान भर सकें। हवा में ड्रोन के साथ संचार करके, टावर यातायात का समन्वय करेंगे ताकि इनकी आपस में या किसी अन्य चीज से टक्कर न हों।
निजता से लेकर शोर तक की चिंता
ड्रोन सुपरहाईवे (Drone Super Highway) के आलोचक तीन मुद्दों को लेकर चिंतित हैं: दुर्घटनाएं, शोर और निजता का उल्लंघन। हालाकि, एल्टीट्यूड एंजेल का कहना है कि सुपरहाइवे के अधिकांश यूजर फिक्स्ड-विंग ड्रोन होंगे, जो लगभग साइलेंट उड़ान भरते हैं। वहीं, डेवलपर का दावा है कि 400 फीट की ऊंचाई पर जमीन से शायद ही कोई ड्रोन को देख पाएगा, आवाज सुनना तो दूर की बात है। वहीं, ड्रोन कैमरे या अन्य सेंसर से लैस नहीं होंगे, बल्कि नेविगेशन के लिए पूरी तरह से ग्राउंड टावरों पर निर्भर होंगे, ऐसे में निजता के उल्लंघन की चिंता भी घटती है।
Drone Super Highway क्यों बनाया जा रहा है?
एल्टीट्यूड एंजेल का कहना है कि एक बार जब ड्रोन आसमान में उड़ान भरने वाली अन्य चीजों के साथ लंबी दूरी की सुरक्षित यात्रा करने लगेंगे तो उनका उपयोग अधिक आसानी से किया जा सकता है
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