शनिवार को पीपल का एक पत्ता तोड़कर उसे गंगजल जल से धो लें। उसके ऊपर हल्दी और दही से अपने अनामिका अंगुली से हृीं लिखें। इसके बाद उसे धूप-दीप दिखाकर अपने पर्स में रख लें। हर शनिवार को पूजा के साथ पत्ते बदलने होंगे। पुराना पत्ता को किसी पवित्र स्थान पर ही रखें। ऐसा करने पर आपकी परेशानी दूर हो जाएगी।
शनिवार और मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर, नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद पीपल के पेड़ 11 पत्ते तोड़ें। पत्ते कहीं से टूटे या खंडित नहीं होना चाहिए। इन 11 पत्तों पर साफ जल में कुमकुम या अष्ठगंध या चंदन मिलाकर इस पर भगवान श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते वक्त हनुमाल चालिसा का पाठ अवश्य करें। नाम लिखने के बाद इन पत्तों की एक माला बनाकर किसी भी मंदिर में जाकर हनुमान जी को अर्पित करें। इस तरह का उपाय हर शनिवार और मंगलवार को करें। ऐसा करने पर सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।
धर्म-शास्त्रों के अनुसार, पीपल का पेड़ लगाने वाले व्यक्ति को जीवन में कभी भी किसी प्रकार का दुख नहीं होता है। यही नहीं, उसे कभी भी धन की कमी नहीं होती है। कहा जाता है कि पीपल का पेड़ लगाने के बाद उसे नियमित रूप से जल अर्पित करना चाहिए। माना जाता है कि जैसे-जैसे पेड़ बड़ा होता है, वैसे-वैसे सुख समृद्धि बढ़ती जाती है।
अगर कोई व्यक्ति पीपल के पेड़ के नीचे शिवलिंग की स्थापना करता है और नियमित रूप से पूजा करता है तो उसकी समस्या समाप्त हो जाती है। ऐसा करने से वह धीरे-धीरे धनावन हो जाता है।