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आज एकादशी पर बने सर्वार्थसिद्धी तथा सिद्धी योग, इन कार्यों को करने से चमक जाएगी किस्मत

एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि प्रात: १०.०२ तक, तदन्तर द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि है

जयपुरAug 18, 2017 / 09:15 am

सुनील शर्मा

ekadashi vishnu bhagwan

ekadashi vishnu bhagwan

एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि प्रात: १०.०२ तक, तदन्तर द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि है। एकादशी तिथि में यदि समय शुद्ध हो तो यथाआवश्यक यज्ञोपवीत, विवाहादि मांगलिक कार्य, चित्रकारी, देवकार्य, गृहारंभ, व्रतोपवास आदि विषयक कार्य और द्वादशी तिथि में सभी चर-स्थिर, विवाह, जनेऊ और मांगलिक कार्य प्रशस्त हैं। यात्रा व तेल लगाना वर्जित है।
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नक्षत्र: आर्द्रा ‘तीक्ष्ण व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र रात्रि ९.०३ तक, तदुपरान्त पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। आर्द्रा नक्षत्र में बंधन, छेदन, मारण, अग्निविषादिक कार्य और विद्यादि कार्य सिद्ध होते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, यात्रा, विद्यादि, अलंकार और कृषि संबंधी कार्य करने चाहिए।
योग: वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग सायं ६.१८ तक, इसके बाद सिद्धी नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: आज रात्रि ९.०३ से अगले दिन सूर्योदय तक सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग है। करण: बालव नामकरण पूर्वाह्न १०.०२ तक, इसके बाद कौलवादि करण हैं।
शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143८, मु.मास: जिल्काद-२५
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : भाद्रपद।
पक्ष – कृष्ण।

शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मंगल कृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न १०.५४ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.३१ से दोपहर बाद २.०७ तक शुभ तथा सायं ५.२१ से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.०५ से दोपहर १२.५६ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
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व्रतोत्सव: आज अजा एकादशी व्रत सबका, जीवंतिका पूजन, जैन पर्युषण प्रारंभ (चतुर्थी पक्ष)। चन्द्रमा: चन्द्रमा सम्पूर्ण दिवारात्रि मिथुन राशि में रहेगा।
दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज मिथुन राशि के चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख होगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व शुभ माना जाता है। राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे

आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ङ, छ, के, को, ह) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मिथुन तथा जन्म रजतपाद से है। सामान्यत: ये जातक धर्मपरायण, माता-पिता व गुरु की सेवा करने वाले, विनयी, बुद्धिमान, तार्किक, अनेक बार अभावों का सामना करने वाले, आडम्बरी तंत्र को जानने वाले तथा बहुमित्रों वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग २४-२५ वर्ष की आयु तक होता है। मिथुन राशि वाले जातकों के जोब में जाने के रास्ते खुलेंगे, साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी।

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