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योग: वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग सायं ६.१८ तक, इसके बाद सिद्धी नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: आज रात्रि ९.०३ से अगले दिन सूर्योदय तक सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग है। करण: बालव नामकरण पूर्वाह्न १०.०२ तक, इसके बाद कौलवादि करण हैं।
शुभ विक्रम संवत् : 207४
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 193९
हिजरी संवत् : 143८, मु.मास: जिल्काद-२५
अयन : दक्षिणायन
ऋतु : वर्षा
मास : भाद्रपद।
पक्ष – कृष्ण। शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मंगल कृत्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज सूर्योदय से पूर्वाह्न १०.५४ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत, दोपहर १२.३१ से दोपहर बाद २.०७ तक शुभ तथा सायं ५.२१ से सूर्यास्त तक चर के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.०५ से दोपहर १२.५६ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
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दिशाशूल: शुक्रवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज मिथुन राशि के चन्द्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख होगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व शुभ माना जाता है। राहुकाल: प्रात: १०.३० से दोपहर १२.०० बजे तक राहुकाल वेला में शुभ कार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (ङ, छ, के, को, ह) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। इनकी जन्म राशि मिथुन तथा जन्म रजतपाद से है। सामान्यत: ये जातक धर्मपरायण, माता-पिता व गुरु की सेवा करने वाले, विनयी, बुद्धिमान, तार्किक, अनेक बार अभावों का सामना करने वाले, आडम्बरी तंत्र को जानने वाले तथा बहुमित्रों वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग २४-२५ वर्ष की आयु तक होता है। मिथुन राशि वाले जातकों के जोब में जाने के रास्ते खुलेंगे, साक्षात्कार आदि में सफलता मिलेगी।