हालांकि, सपा ने मैनपुरी से एक बार फिर डिंपल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से डिंपल यादव मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में जनसभा और रोड- शो कर रही हैं। वहीं, बीजेपी ने मैनपुरी से अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान नहीं किया है।
भाजपा ने यूपी के लिए मिशन-80 तय किया है। मगर लक्ष्य तक पहुंचने की डगर आसान नहीं है। इसके लिए 2019 में हारी हुई 14 सीटें जीतनी होंगी। उपचुनाव में जीती आजमगढ़ और रामपुर सीटों पर भी चुनौती है। ऐसे में बीजेपी उन सीटों पर सोच विचार कर उम्मीदवार उतरने की तैयारी कर रही है, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी का उम्मीदवार हार गया था। या फिर बीजेपी का उम्मीदवार नंबर दो या फिर नंबर तीन पर था। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी का गढ़ मैनपुरी लोकसभा सीट भी है। सूत्रों के मानें तो बीजेपी अपर्णा यादव को मैनपुरी से टिकट दे सकती है। ऐसे में यहां पर यादव परिवार की जेठानी और देवरानी आमने-सामने होंगी।
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपर्णा यादव ने बीजेपी ज्वाइन किया था। इसके बाद से अपर्णा यादव बीजेपी के लिए कार्य कर रही हैं। लेकिन अभी तक उन्हें बीजेपी ने कोई अहम जिम्मेदारी नहीं दी है। हाल ही में अपर्णा यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की थी और उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार अपर्णा यादव को बीजेपी मैनपुरी लोकसभा सीट से टिकट दे सकती है।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब अपर्णा यादव के मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ने की बात हो रही हो। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर हुए उपचुनाव में भी अपर्णा यादव के लड़ने की बात हुई थी। उस समय अपर्णा यादव ने चुनाव लड़ने से खारिज कर दिया था। अब एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म है।