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रायपुर

रिपोर्ट में खुलासा : छत्तीसगढ़ में एक भी विदेशी कंपनी नहीं

मेक इन छत्तीसगढ़ के नारे विदेशी कंपनियों को नहीं लुभा पा रहे हैं। इस समय
एक भी विदेशी कंपनी छत्तीसगढ़ में काम नहीं कर रही है। यही नहीं उनके
पंजीकृत कार्यालय भी यहां नहीं है।

रायपुरApr 05, 2015 / 10:08 am

आशीष गुप्ता

रायपुर. मेक इन छत्तीसगढ़ के नारे विदेशी कंपनियों को नहीं लुभा पा रहे हैं। इस समय एक भी विदेशी कंपनी छत्तीसगढ़ में काम नहीं कर रही है। यही नहीं उनके पंजीकृत कार्यालय भी यहां नहीं है। प्राकृतिक संसाधन जैसे कोयला सहित बिजली व वनसंपदा से भरपूर छत्तीसगढ़ की धरती अब तक विदेशी कंपनियों को आकर्षित नहीं कर पाई है। हालांकि, वेदांता और एस्सार जैसी नामी कंपनियां यहां अपना कारोबार कर रही हैं।

डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन स्टैटिक्स के आंकड़ों में सामने आया है कि 90.9 प्रतिशत कंपनियां देश के पांच राज्यों दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और तमिलनाडु में केंद्रित हैं। इसमें से भी 90 फीसद केवल दिल्ली, मुंबई, गुडग़ांव, चेन्नई और बेंगलुरु में ही हैं। यह भी दिलचस्प है बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडि़सा जैसे औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े प्रदेशों में भी विदेशी कंपनियों के दफ्तर हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में किसी कंपनी का पंजीकृत कार्यालय नहीं है। यह आंकड़ा भी राज्यों में कंपनियों के पंजीकृत कार्यालयों के आधार पर तैयार हुआ है।

यह है सरकारी नियम
देश में कारोबार करने की इच्छुक विदेशी कंपनी भारत के 1956 के कंपनी अधिनियम के तहत भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उपक्रम के तहत या पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी के रूप में कार्य कर सकती हैं। विदेशी कंपनियों के साथ काम कर रहीं भारतीय कंपनी की विदेशी हिस्सेदारी निवेशक की आवश्यकता के अनुसार 100 फीसदी हो सकती है। शेयरों की विदेशी हिस्सेदारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों के तहत कारोबार पर निर्भर करती है।

मुंबई से आगे दिल्ली
देश की आर्थिक राजधानी कही जाने के बावजूद विदेशी कंपनियों की मौजूदगी मामले में वह दिल्ली से पीछे है। देश की राजधानी होने के नाते तथा अपनी सुविधाओं को देखते हुए दिल्ली में कार्यालय खोलना कंपनियों की पहली प्राथमिकता है।

गुजरात भी पीछे
इस मामले में गुजरात उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से भी पीछे है। गुजरात में 47 पंजीबद्ध कार्यालय हैं। वहीं यूपी में 56 तथा पश्चिम बंगाल में 54 कार्यालय हैं।

अभी प्रदेश़ में एक भी विदेशी कंपनी पंजीकृत नहीं है। एक चीनी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के साथ करार हुआ है। उसने भी अभी कार्यालय नहीं खोला है।
सुबोध कुमार सिंह, सचिव, वाणिज्य व उद्योग विभाग
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