पुलिस के घोड़ा कैंप में 46 घोड़े हैं लेकिन कोको उन सब में ऎसा है जो हमेशा प्रजनन के लिए तैयार रहता है। कोको के साथ अपनी घोड़ी का सेशन करवाने के लिए आसपास के गांवों की लाइन लगी रहती है। इतना ही नहीं बल्कि यह घोड़ा अच्छी नस्ल का है जिसके चलते उसें दूसरे घोड़ों की तुलना में 50 फीसदी तक ज्यादा फीस मिलती है।
जबरदस्त प्रजनन क्षमता की वजह से कोको को अन्य घोड़ों की तुलना में ज्यादा सुविधाएं मिलती है। उसके खाने-पीने से लेकर देख-रेख कर विशेष ध्यान रखा जाता है। कोको को रोजाना सुनियोजित तरीके से व्यायाम करवाया जाता है और इन्फेक्शन आदि से बचाने के लिए शक्तिवर्घक गोलियां दी जाती है।
कोको समेत घोड़ा कैंप में मौजूद 46 घोड़ों में अधिकतर घोड़े मारवाड़ी और काठियावाड़ी नस्ल के हैं। इनमें नर घोड़ों की संख्या सिर्फ 8 है। कोको और अन्य एक घोड़े को सिर्फ सिर्फ प्रजनन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।