-20 हजार लोगों की जनसंख्या वाले गांव रडू में हैं कामनाथ महादेव का मंदिर, गुजराती परिवार ने 628 साल पहले की थी मंदिर की स्थापना, सालों से जल रही ज्योत628 साल से ही जल रही है यहां ज्योत, घी से होता है महादेव का पुजन
रीना शर्मा @ इंदौर। गुजरात के नडिय़ाद गांव से करीब 30 किमी की दूरी पर एक छोटा सा गांव है रडू। इस गांव में लगभग 20 हजार लोग रहते हैं लेकिन इस गांव में कामनाथ महादेव का एक विशाल मंदिर है जो गांव के ही एक भक्त ने स्थापित किया था। कई महादेव के मंदिरों की तरह ही नजर आने वाले इस मंदिर में महिलाएं नहीं जाती इसकी वजह क्या हैं यह कोई नहीं जानता लेकिन सालों से गांव वालों की यही मानता है और 628 सालों से इसे फॉलो भी किया जा रहा है।
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इस मंदिर में 628 सालों से ही ज्योत जल रही हैं जिसमें रोजाना 10 किलो घी इस्तेमाल होता है। कहते हैं इस शिवलिंग पर घी चढ़ाने वालों के घर हमेशा सुख-शांति और समृध्दी रहती है इसलिए हर कोई यहां घी चढ़ाता है यह घी इक_ा होता हैं मटको में। जीं हां और इस तरह से 628 साल पुराना घी भी इस मंदिर में मौजूद हैं।
750 मटको में 500 क्विंटल घीयहां 750 घी के मटके (गुजराती में मटकों को गोले कहते है) हैं जिनमें लगभग 500 क्विंटल शुध्द घी भरा हुआ है। इनका इस्तेमाल ज्योत के अलावा प्रति वर्ष श्रावण मास के दिन हवन में किया जाता है। सावन के माह में रोजाना 13 घंटे तक यहां हवन-पुजन होता है और दूर-दराज से भी यहां लोग आते हैं। जानकारी के मुताबिक कई बार एक दिन में 100 किलो घी भी चढ़ावा हो जाता है।
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आज भी आ जाती है बाढ़रडू में रहने वाले पटेल जेसंगबाई हीराबाई नामक व्यक्ति महादेव के दर्शन बिना अन्न-जल नहीं लेते थे एक दिन जब इसलिए वे अकसर रडू गांव से 8 किमी दूरी पर बने पुनाद गांव में महादेव मंदिर के दर्शन करने जाते थे इस गांव तक पहुंचने का माध्मम नदी थी लेकिन जब एक दिन श्रावण मास में जब गांव में भयंकर बाढ़ आ गई तो वे मंदिर नहीं जा पाए और 8 दिन तक नदी में बाढ़ का पानी भरा रहा और वे 8 दिन तक अन्न-जल ग्रहण नहीं कर पाए। कहते है महादेव जी उनके स्वप्न में आए और पूनाद गांव के मंदिर से ज्योत लाने का कहा और नदी में पानी कम होते ही वे गांव वालों के साथ गए और जेसंगबाई हीराबाई पुनाद के महादेव मंदिर से ज्योत लेकर आए तब से ही रडू गांव में भी महादेव मंदिर की स्थापना हो सकी। सेवार्थी प्रताप भाई ने जानकारी देते हुए बताया आज भी पुनाद गांव जाने के लिए नदी पार करके ही जाना पड़ता है।
50 साल पुराने के पंडितरडू गांव के आसपास 7 नदियां है यहां बांध नहीं होने से आज भी गांव में बारिश के दिनों में अकसर बाढ़ आ जाती है लेकिन कभी यहां जनहानि नहीं हुई जबकि मंदिर के प्रांगण में भी पानी भरा जाता है। श्रावण मास में यहां भव्य मेला लगता है और खूब घी चढ़ता है इस घी को मन्नत का घी कहते है। यहां के पंडित भी 50 साल पुराने हैं मुख्य पुजारी कैलाशपुरी है अब उनके पोते भी मंदिर में सेवा देते हैं बल्कि मंदिर में जो भी चढ़ावा आता है वे पंडित भी नहीं रखते वह सभी संतो को दिया जाता है।
फैक्ट फाइल:-628 साल पुराना है कामनाथ महादेव मंदिर
-750 मटकों में भरा हैं शुध्द घी
-एक मटका 1 क्विंटल का
-एक मटके में 60 किलो घी
-500 क्विंटल घी है मंदिर में
-50 साल पुराने हैं यहां के पंडित