नई दिल्ली।
राज्यसभा ने आज एतिहासिक कदम उठाते हुए
किन्नरों के अधिकारों की रक्षा के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने के प्रावधान वाले एक निजी विधेयक को ध्वनि मत से पारित कर दिया। हाल के दशकों में यह पहला मौका है जब किसी सदस्य के निजी विधेयक को सदन ने पारित किया है । हर सत्र में कई निजी विधेयकों पर चर्चा होती है, लेकिन आम तौर पर सरकार के आश्वासन के बाद उन्हें वापस ले लिया जाता है या सदन उन्हें नामंजूर कर देता है।
ये भी पढ़ेंः वैंकेया नायडू ने कहा भूमि अधिग्रहण बिल में नौ संशोधन करेगी सरकारये भी पढ़ेंः “भूमि विधेयक पारित होने पर 30 करोड़ लोगों को मिलेगा रोजगार”किन्नरों के अधिकार विधेयक 2014 को द्रविड मुनेत्र कषगम के तिरूचि शिवा ने पेश किया था। इस पर चर्चा के बाद सरकार और आसन की ओर से इस संबंध में एक व्यापक विधेयक लाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन शिवा अपना विधेयक वापस लेने के लिए तैयार नहीं हुए और इसे सदन की मंजूरी के लिए रखा गया। सदन ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। इस दौरान काफी संख्या में किन्नर समुदाय के लोग भी दर्शक दीर्धा में बैठे थे।
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