पटना। बिहार के मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार के अडियल रुख और भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने के जदयू के दावे के बाद तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर महागठबंधन पर तनातनी कायम है। राजद तेजस्वी के इस्तीफा नहीं देने के स्टैंड पर कायम है। महागठबंधन बरकरार रखने के लिए कांग्रेस भी सिरे से जुट गई। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नीतीश और लालू यादव से अलग-अलग बात की और समस्या का समाधान निकालने के प्रयास किए।
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दोनों दलों का दावा- महागठबंधन अटूट है
सीबीआई की ओर से आरोपित बनाने के बाद जदयू भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने और नीतीश की साफ छवि की लगातार दुहाई दे रहा है। दोनों दलों का दावा है कि महागठबंधन अटूट है पर जदयू भ्रष्टाचार को लेकर झुकने को तैयार नहीं। पूरे प्रकरण में कांग्रेस पहले लालू और फिर नीतीश को साध रही है। कांग्रेसियों को आशंका है कि यदि कोई रास्ता नहीं निकला तो महागठबंधन का भविष्य दांव पर लग जाएगा और भाजपा फायदा उठा ले जाएगी। भाजपा इस मसले पर आक्रामक बनी हुई है, जबकि लालू और नीतीश मौन साधे हुए हैं। राजद सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लालू यादव के चारा घोटाले में पेशी से वापस लौटने पर रविवार को इस बाबत कोई निर्णय संभव है।
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बाहर से समर्थन का भी विकल्प
इधर, राजद खेमे से यह सूचना आई कि जदयू समेत राजद के सभी मंत्री सरकार से इस्तीफा देंगे और राजद नीतीश सरकार को बाहर से समर्थन देगा। कहा जा रहा है कि महागठबंधन कायम रखने के लिए यही फार्मूला निकाला जा रहा है।
इस्तीफा दें तेजस्वी
जदयू ने राजद से कहा- तेजस्वी यादव धन का स्रोत बताएं या इस्तीफा दें। जदयू प्रवक्ता ने कहा है कि राजद अपने 80 विधायकों का घमंड न दिखाए। उधर, लालू यादव ने साफ जवाब दिया है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे।
भाजपा का साथ भी संभव
दूसरा सवाल यह है कि अपनी छवि की दुहाई देने वाले नीतीश राजद के साथ शेष दो वर्षों तक सरकार में बने रहने को तैयार होंगे या नहीं। सूत्रों का कहना है कि
नीतीश कुमार दागदार नेताओं और दल के साथ रहकर अपनी इमेज नहीं बिगाडऩा चाहते। इसके लिए वह राजद का बाहर से समर्थन लेना नहीं चाहेंगे। 2019 के लोकसभा चुनावों को लक्ष्य मानकर नीतीश भाजपा के समर्थन से सरकार चलाने की भी सोच सकते हैं। इससे उनकी छवि पर भी सवाल नहीं उठेंगे।
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भाजपा नीतीश सरकार में भागीदारी को तैयार
भाजपा सूत्रों की मानें तो उसकी तरफ से जदयू को यह ऑफर दे दिया गया है। भाजपा नीतीश सरकार में भागीदारी के लिए भी तैयार है। कहा यह जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री समेत मंत्रियों के नाम का तैयार ब्लूप्रिंट भी भाजपा ने जदयू को सौंप दिया है। तय नीतीश को करना है कि आखिर वह कौन सा निर्णय करेंगे। उधर, भाजपा सांसद
शत्रुघ्न सिन्हा का कहना है कि किसी आरोप लगने मात्र से इस्तीफा लेना ठीक नहीं है।
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