ये है कहानी
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि पंजाबियों में जो कथा है उसके अनुसार सुंदर मुंदरिये नाम की दो लड़कियां थीं, जो बेहद खूबसूरत थी। ये बात है मुगल काल की। उस दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में रहा करता था। कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी। क्योंकि उस समय अमीर सौदागरों को सदंल बार की जगह लड़कियों को बेचा जा रहा था। एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई। इसी तरह दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया और हर लोहड़ी को उसी की ये कहानी सुनाई जाती है।
गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया समन्वयक बंटी ग्रोवर ने बताया कि पंजाबियों में जो कथा है उसके अनुसार सुंदर मुंदरिये नाम की दो लड़कियां थीं, जो बेहद खूबसूरत थी। ये बात है मुगल काल की। उस दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में रहा करता था। कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी। क्योंकि उस समय अमीर सौदागरों को सदंल बार की जगह लड़कियों को बेचा जा रहा था। एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई। इसी तरह दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया और हर लोहड़ी को उसी की ये कहानी सुनाई जाती है।
ये भी है इसकी कहानी
पंजाबी महासभा महानगर आगरा के संरक्षक अनिल उन्होंने बताया कि इस त्योहार को खुशहाली के रूप में भी मनाया जाता है। नवजाति शिशु, नव विवाहिता के लिए ये त्योहार खास होता है। माना जाता है कि लोहड़ी में तिल डालने से आदमी के कष्ट इस लोहड़ी में जलकर नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में स्वरूप बदलता चला जा रहा है। उन्होंने बताया कि मान्यता यह भी है कि यह आग पूस की आखिरी रात और माघ की पहली सुबह की कड़क ठंड को कम करने के लिए जलाई जाती है।
पंजाबी महासभा महानगर आगरा के संरक्षक अनिल उन्होंने बताया कि इस त्योहार को खुशहाली के रूप में भी मनाया जाता है। नवजाति शिशु, नव विवाहिता के लिए ये त्योहार खास होता है। माना जाता है कि लोहड़ी में तिल डालने से आदमी के कष्ट इस लोहड़ी में जलकर नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में स्वरूप बदलता चला जा रहा है। उन्होंने बताया कि मान्यता यह भी है कि यह आग पूस की आखिरी रात और माघ की पहली सुबह की कड़क ठंड को कम करने के लिए जलाई जाती है।