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बेमेतरा

रात में स्कूल में सुनाई देती है बच्चों की चीखें, दीवारों पर लिखा है तंत्र-मंत्र

सारंगपुर स्कूल में हो रहे टोने-टोटके पर जिला न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए उचित व आवश्यक कार्रवाई के लिए कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा है।

बेमेतराDec 09, 2016 / 10:01 am

Satya Narayan Shukla

Student getting treatment at District Hospital

Student getting treatment at District Hospital

बेमेतरा. सारंगपुर स्कूल में पढ़ाई की जगह हो रहे टोने-टोटके होने के संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश ने संज्ञान लेते हुए इस संबंध में उचित व आवश्यक कार्रवाई के लिए कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा है। इसके साथ ही जनमानस में जागरूकता के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण को सारंगपुर में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित करने निर्देश दिया है।

स्कूल में पढ़ाई ठप
गौरतलब है कि ‘पत्रिका’ ने 8 दिसंबर को प्रकाशित खबर ‘सारंगपुर स्कूल में पढ़ाई की जगह हो रहे टोने-टोटके में जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर स्थित सारंगपुर गांव में 18 नवंबर को बच्चों को चिखने-चिल्लाने के बाद अचेत होने की घटना के बाद स्कूल में पढ़ाई ठप होने के साथ झाड़-फूंक करने वाले बैगा के स्कूल के दीवार पर तंत्र-मंत्र लिखने की खबर प्रकाशित की थी।

विधिक साक्षरता शिविर लगाने की तैयारी
जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राम कुमार तिवारी ने जनमानस में भी इस प्रकार के अंधविश्वास को दूर भगाए जाने के लिए जागरूकता लाने की आवश्यकता बताते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से, विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क स्थापित कर सारंगपुर में विधिक साक्षरता शिविर के आयोजन किए जाने के संबंध में निर्देश दिए हैं। 

प्रशासनिक अधिकारियों से किया संपर्क
इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 केपी सिंह भदौरिया ने भी इस संबंध में प्रशासनिक अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संपर्क शीघ्र उसी स्कूल अथवा गांव में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किए जाने की बात कही है।

झाड़-फूंक व टोना-टोटका संज्ञेय अपराध
राज्य में टोनही प्रताडऩा निवारण अधिनियम-2005 लागू है, जिसकी धारा 6 के तहत झाड़-फूंक, टोने-टोटके से उपचार करने का दावा करना पांच वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दण्डनीय संज्ञेय अपराध भी है। अधिनियम की धारा 7 के तहत जो कोई इस तरह का दावा करता है या प्रचारित करता है वह कठोर कारावास से जिसकी अवधि एक वर्ष तक हो सकेगी या जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा।
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