गुना. महिला से सास, ससुर, देवर, ननद या साझा ग्रहस्थी में रहने वाला ही घरेलू हिंसा नहीं करता है, अगर मायके पक्ष ने भी महिला को प्रताडि़त किया तो उसके खिलाफ भी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। यह कानून सिर्फ कार्रवाई करने ही नहीं बनाया, बल्कि सामन्जस बैठाने और महिला को सम्मान और गरिमा प्रदान करने भी लागू किया है।
यह बात वक्ताओं ने घरेलू हिंसा विषय पर आयोजित कार्यशाला में वक्ताओं ने कही। कार्यशाला में हायर सेकंडरी स्कूल और हाईस्कूल की महिला शिक्षक और महिला बाल विकास विभाग की हर ब्लाक से एक पर्यवेक्षक शामिल हुईं। एडीपीओ ममता तिवारी ने कहा, महिलाओं को सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह यह समझें की घरेलू हिंसा होती क्या है। जो कोई ऐसा कार्य करे, जिससे महिला के स्वाभिमान को ठेस पहुंचे, वह घरेलू हिंसा है। महिला को बार-बार यह भी कहना की, बेटी की वजह बेटे को क्यों जन्म नहीं दिया, यह भी उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने में आता है। इस दौरान कलेक्टर राजेश जैन, जिपं सीईओ कैलाश वानखेड़े, महिला बाल विकास अधिकारी आरके तिवारी, सीडीपोओ विशाल श्रीवास्तव मौजूद रहे।
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