महबूबा ने कहा कि, ‘हिंसा को लेकर जितनी तकलीफ हमें है, उतनी ही तकलीफ उन्हें (पीएम माेदी) भी है। वे भी कश्मीर के हालात को लेकर चिंतित हैं।’ महबूबा ने घाट में पिछले डेढ महीने से भी जारी कर्फ्यू को लेकर कहा कि हम कर्फ्यू न लगाएं तो क्या करें, कर्फ्यू लगाने का मकसद लोगों की जान बचाना है।
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उन्हाेंने कश्मीरी नौजवानों से एक मौका देने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं कश्मीरी नौजवानों से अपील करती हूं कि आप मुझसे नाराज हो सकते हैं, मैं आपसे नाराज हो सकती हूं, लेकिन आप मुझे एक मौका दीजिए, मेरी मदद कीजिए। साथ ही उन्होंने अलगाववादी नेताआें से भी आगे आकर निर्दोष लोगों का जीवन बचाने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार की मदद करने की अपील की।
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महबूबा ने पाकिस्तान पर घाटी में माहौल खराब करने का आरेाप लगाया। उन्होंने पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा कि वह कश्मीरी युवाआें को बरगलाने से बाज आए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सुरक्षाबलों के जवानों को उकसाना बंद करे। यदि पाकिस्तान में इंसानियत बची है तो वह इस तरह की हरकतें तुरंत बंद कर दे। साथ ही उन्होंने कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ पाकिस्तान में गलत व्यवहार हुआ। उससे पाकिस्तान ने एक बेहतरीन मौके को गंवा दिया। महबूबा ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारने की काफी कोशिशें की।
प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के श्रीनगर दौरे के दो दिन बाद हुई है, जिस दौरान वह महबूबा सहित राजनीतिक एवं सामाजिक जगत के अन्य लोगों से मिले थे। गौरतलब है कि घाटी में बीते आठ जुलाई को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से ही तनाव व हिंसा व्याप्त है, जिसे देखते हुए नौ जुलाई को कर्फ्यू लगाया गया। कश्मीर में जारी हिंसा में अब तक 60 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों घायल हो गए हैं।