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बाड़मेर

एे भाई, जरा देख को चलो, यहां तो मैनहोल खुले हैंं

– नगर परिषद प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान, हादसों को न्योता, लोग परेशान

बाड़मेरMar 15, 2017 / 12:29 pm

भवानी सिंह

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शहर में प्रमुख मार्गों व मोहल्लों की सड़कों पर टूटे, तिरछे मैनहोल ढक्कन लोगों के लिए परेशानी की वजह बने हुए हंै। कई महिनों से यह स्थिति होने के बावजूद नगर परिषद इन्हें सही नहीं कर रही, जिसके चलते अनहोनी की आशंका रहती है।
शहर की व्यवस्थाओं को लेकर नगर परिषद प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। इस पर आमजन को हर दिन पग-पग परेशानियां उठानी पड़ रही है। नगर के प्रमुख मार्गों व मोहल्लों की सड़कों के मैनहोल के टूटे व तिरछे ढक्कन हजारों जनों के लिए परेशानी बने हुए हैं। सड़क के लेवल अनुसार नहीं लगे होने पर आवागमन में वाहन चालकों को बाधा होती है। तेजी से वाहन गुजरने पर कई बार संतुलन बिगडऩे पर दुघर्टनाएं होती-होती बचती है। 
कई मार्गों पर सीवरेज कार्य पूर्ण होने के बावजूद मैनहोल पर ढक्कन नहीं लगाए गए हैं। इस पर राहगीरों, वाहन चालकों को दिक्कत होती है। रात के अंधेरे में खुले मैनहोल जानलेवा साबित होते हैं। कई जने चोटिल हो चुके हैं। लोग कई बार नगर परिषद प्रशासन को टूटे, तिरछे मैनहोल ढक्कन बदलवाने व खुलों को ढकवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन परिषद प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इससे आमजन में रोष है।
नगरपरिषद नहीं दे रही ध्यान-

नगर के कई मार्गों पर मैनहोल ढक्कन टूटे हुए है। इस पर आवागमन में हर दिन परेशानी होती है। नगर परिषद अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। व्यवस्था में सुधार करें। – खेमपाल राजपुरोहित
परिषद नहीं गंभीर-

नगर परिषद अधिकारी शहर की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर नहीं है। मैनहोल के टूटे,तिरछे ढक्कन हादसों की वजह बन रहे हैं। इन्हें बदला तक नहीं जा रहा है। – हुकमीचंद कोटडिय़ा
हो रही दुर्घटनाएं-

नगर में जगह-जगह सीवरेज मैनहोल खुले पड़े है। रात तो दूर दिन में भी इनसे दुघर्टनाएं होती है। मूक पशु व वाहन चालक शिकार होते हैं। इन्हें ढकवाएं। – पुखराज छाजेड़
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