ठाकुर ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश के जरिए अपने बयान में कहा कि मेरे लिए यह कोई निजी लड़ाई नहीं थी। यह एक खेल संस्था के स्वायतता के लिए लड़ाई थी। देश के एक नागरिक की तरह मैं भी सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता हूं। उच्चतम न्यायालय के जजों को यदि लगता है कि बीसीसीआई रिटायर्ड जजों की निगरानी में बेहतर काम कर सकता है तो मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि भारतीय क्रिकेट उनके मार्गदर्शन में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
नए साल में देश की सर्वाेच्च अदालत से सबसे बड़ा झटका खाने वाले ठाकुर ने कुछ भावुकता के साथ कहा कि मुझे भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का सम्मान मिला। वर्षाें से भारतीय क्रिकेट ने प्रशासनिक और खेल के विकास के तौर पर अपना सर्वश्रेष्ठ समय देखा है। बीसीसीआई देश में सबसे बेहतर ढंग से संचालित होने वाला खेल संगठन है।
READ: BCCI के बॉस अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को सुप्रीम कोर्ट ने पद से हटाया ठाकुर ने कहा कि भारत के पास सबसे बेहतर क्रिकेट आधारभूत ढांचा है जिसे राज्य संघों ने बीसीसीआई की मदद से तैयार किया है और उसका रखरखाव किया है। भारत के पास दुनिया के किसी अन्य देश से बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मेरी प्रतिबद्धता भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ हित में है और खेलों की स्वायतता बरकरार रहनी चाहिए।
कोर्ट ने जब ठाकुर को बर्खास्त किए जाने का फैसला सुनाया तो वह सुप्रीम कोर्ट से कुछ किलोमीटर दूर अपने घर पर मौजूद थे। फैसले के बाद काफी मीडियाकर्मी ठाकुर के घर की तरफ लपके लेकिन उन्होंने किसी को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वह लगभग दो बजे के आसपास घर से बाहर निकल गए और उच्चतम न्यायालय के फैसले पर उनका बयान फिर ट्विटर पर आया।