सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि रामायण या कुरान जैसे धर्मग्रंथों के नामों पर कोई भी व्यक्ति अपना दावा और उन्हें वस्तुओं व सेवाओं की बिक्री के लिए ट्रेडमार्क के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश आरके अग्रवाल की बेंच ने कहा, कुरान, बाइबल, गुरु ग्रंथ साहिब, रामायण आदि जैसे कई पवित्र एवं धार्मिक ग्रंथ हैं। यदि कोई पूछे कि क्या कोई व्यक्ति वस्तुओं या सेवाओं की बिक्री के लिए किसी धर्मग्रंथ के नाम का ट्रेडमार्क के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है तो इसका जवाब है नहीं।
बेंच ने यह भी कहा कि ईश्वर या धर्मग्रंथों के नाम का इस्तेमाल ट्रेडमार्क के तौर पर करने की अनुमति देने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बिहार स्थित लाल बाबू प्रियदर्शी की एक अपील पर आया है, जिन्होंने रामायण शब्द का ट्रेडमार्क अगरबत्ती व इत्र बेचने के लिए मांगा था।
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