आने वाले समय में बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोरोंगोरो जिले के डिप्टी वाइल्डलाइफ ऑफिसर जोसेफ मेंग ओरो ने भी इस बीमारी को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में और मौतें भी हो सकती हैं। जोसेफ मेंग ओरो ने इस पर आगे जानकारी देते हुए कहा, ‘बीमारी लगने के बाद हाथियों की सूंड से खून निकलने लगा और इसके बाद वे गिरने लगे और मर गए।’
तंजानिया में इस तरह का पहला मामला
वहीं, अफ्रीकी वन्यजीव फाउंडेशन (एडब्ल्यूएफ) के अधिकारी फिडेलेस ओल काशे ने बताया कि इन हाथियों की मौत से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों का इन पर ध्यान गया। दूसरी ओर तंजानिया वन्यजीव अनुसंधान संस्थान (टीएडब्ल्यूआईआराई) के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की अज्ञात बीमारी से इन हाथियों की मौत हुई है, तंजानिया में यह इस तरह का पहला मामला है।
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और गहराई से होनी चाहिए जांच
बताया जा रहा है कि इन हाथियों के अवशेषों से मिले खून के नमूनों को जांच के लिए तंजानिया वेटेरिनरी लेबोरेटरी एजेंसी (टीवीएलए) भेजा गया। वहां रसायनविदों ने इस बकायदा परीक्षण किया , हालांकि वे ऐसी किसी भी बीमारी का पता नहीं लगा पाए। कुछ ऑब्जर्वरों का कहना है कि हाथियों के अवशेषों की और गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि उनकी मौत के कारणों का पता चल सके।