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अगार मालवा

किसी जमाने में हरियाणा को पानी पिलाने वाला आज खुद ही प्यासा

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अगार मालवाJul 17, 2018 / 11:04 am

vishwanath saini

nagar palika parishad seoni

किसी जमाने में हरियाणा को पानी पिलाने वाला आज खुद ही प्यासा

नीमकाथाना. आस-पास के दर्जनों गांवों की प्यास बुझाकर हरियाणा तक पानी पहुंचाने वाला 1968 में स्थापित जिले के सबसे बड़े बांधों में शमिल रायपुर-पाटन बांध आज खुद प्यासा है। बांध व उसके कैचमेंट एरिया में हो रहे अतिक्रमण के कारण यह दुर्दशा का शिकार हो रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बांध वर्ष 2005 व 2010 में दो बार ही भरा है। वर्ष 2017 में बरसात के दौरान बांध में गेज पर डेढ़ फीट पानी पहुंचा था। इस बांध के भरने से नीमकाथाना व पाटन इलाके में पानी की किल्लत दूर हो सकती है।

 

बांध में एक साथ 324 एमसीएफटी पानी स्टोरेज की क्षमता है। इसकी ऊंचाई 14 फीट तथा 60 वर्ग मील का कैचमेंट एरिया है। एक बार पूरा भरने के बाद 2207 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकती है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते बांध के कैचमेंट एरिया में लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। इसके अलावा बांध में पानी नहीं पहुंचने का मुख्य कारण यह भी कि इसके कैचमेंट एरिया में जगह-जगह एनीकट बना दिए गए हैं, जिससे बांध तक सीधा पानी नहीं पहुंच पाता। बांध के चारों तरफ पैर पसार रहे अतिक्रमण पर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा।

नहर की नहीं हो रही देखभाल
बांध से निकलने वाली नहर की भी नियमित देखभाल नहीं की जा रही। नहर भी दुर्दशा का शिकार होती जा रही है। नहर के अंदर पेड़ पौधे उग रहे हैं। अगर बांध लबालब हो जाए तो सिंचाई के लिए छोडऩे वाला पानी नहर के माध्यम से किसानों के खेतों तक मुश्किल ही पहुंचे।

 

ऊंची करवा रहे पाल
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्षों पहले सात मीटर खुदवाई करवाई गई थी। उसके बाद पानी का रिसाव बंद हुआ था। मछली पालन से सरकार को आय देने का भी यह बांध बड़ा श्रोत है। इस बांध में भी पानी आने के बाद हर पांच वर्ष से मछली पालन का टेंडर छूटता था। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि करीब 2.83 करोड़ की लागत से पाल की चौड़ाई 2 मीटर से बढ़ाकर साढ़े तीन मीटर करने का कार्य चल रहा है।

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