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अगार मालवा

ऐसा क्या हुआ जिसे जल गई सैकड़ों अनाज की बोरियां

कृषि उपज मंडी में सहकारी साख संस्था तनोडिय़ा के तौल केंद्र पर समर्थन मूल्य के तहत खरीदे गए अनाज की बोरियों में

अगार मालवाMay 17, 2018 / 12:15 am

Lalit Saxena

patrika

कृषि उपज मंडी में सहकारी साख संस्था तनोडिय़ा के तौल केंद्र पर समर्थन मूल्य के तहत खरीदे गए अनाज की बोरियों में

आगर-मालवा. कृषि उपज मंडी में सहकारी साख संस्था तनोडिय़ा के तौल केंद्र पर समर्थन मूल्य के तहत खरीदे गए अनाज की बोरियों में बुधवार दोपहर को आग लग गई। देखते ही देखते हजारों क्विंटल अनाज आग की चपेट में आ गया और धीरे-धीरे आग ने बोरियों को चपेट में ले लिया। जैसे ही आग की लपटें किसानों को दिखाई दी तो आनन-फानन में किसानों सहित मंडी कर्मचारी व हम्माल आग को बुझाने में जुट गए। कुछ ही पल में तहसीलदार सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर आ पहुंचे। नपा आगर के दमकल ने मौके पर पहुंचकर काबू पाया। मंडी प्रांगण में सहकारी समिति द्वारा खरीदे गए चने, मसूर एवं रायडे की बोरी भरकर थप्पी जमा रखी थी। बुधवार दोपहर २ बजे बोरियों में से धुआं उठने लगा। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। फिर भी मौके पर मौजूद किसानों व कर्मचारियों ने आग बुझाने का प्रयास किया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे दमकल ने स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। आशंका जताई जा रही है कि या तो किसी किसान के बीड़ी पीने के कारण आग लग सकती है या फिर मौके पर बोरी की सिलाई कार्य कर रही मशीन के तारों में शार्ट-सर्किट से आग लग सकती है। तहसीलदार मुकेश सोनी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया जांच की जा रही है।
सर्वेयर की कार्यप्रणाली को लेकर जताया आक्रोश
समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे चना, मसूर, सरसों की खरीदी प्रक्रिया के दौरान बुधवार को कृषि उपज मंडी में चना लेकर आए किसान एवं सर्वेयर व तौल केंद्र संचालकों के बीच कहासुनी होती रही। सर्वेयर द्वारा जिस किसान की चने की उपज को रिजेक्ट किया गया वह किसान माथापच्ची करने लगा।
सिलसिला दिनभर चलता रहा। दोपहर की मंडी के दौरान सर्वेयर द्वारा कुछ किसानों के चने को रिजेक्ट कर दिया गया तो खासा बवाल मच गया। आनन-फानन में तहसीलदार मुकेश सोनी व पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
सहकारी संस्थाएं चना, मसूर और सरसों की खरीदी कर रही हैं। संस्था उसी उपज की खरीदी कर रही है जिसे शासन द्वारा नियुक्त सर्वेयर पास कर रहे हैं। समर्थन मूल्य खरीदी के अंतर्गत उपज के लिए बनाए गए मानक स्तर के तहत जो उपज आ रही है उसे ही खरीदा जा रहा है। ऐसी दशा में मंडी में रोज विवाद की स्थिति बन रही है। बुधवार को भी ऐसा ही हुआ। दोपहर को सर्वेयर ने कुछ किसानों की फसल को मानक स्तर का नहीं मानते हुए रिजेक्ट कर दिया तो किसान आक्रोशित हो गए। सूचना मिलने पर तहसीलदार ने पहुंचकर स्थिति को संभाला।

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