फिल्म को लेकर खुशबू ने कहा कि वे हाथरस की रहने वाली हैं। तीन साल पहले एसिड अटैक की शिकार हुई थीं। विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से दीपिका ने हमारे दर्द को सामने लाने की कोशिश की है। विरोध कर रहे लोगों से अपील है कि एक बार वे अपनी सोच से उपर उठकर देखें और इस फिल्म को देखने जाएं ताकि उनको हमारे दर्द का अहसास करें।
वहीं एक अन्य पीड़िता ने कहा कि विरोध करने वाले वे लोग हैं जो इस दर्द को नहीं समझते। यदि वे इस दर्द को समझते तो इस तरह विरोध नहीं करना चाहिए। इस फिल्म इसीलिए बनायी गई है ताकि आने वाली पीढ़ी इस दर्द से न गुजरे। दीपिका के जेएनयू जाने को लेकर उन्होंने कहा कि वहां जाना उनका व्यक्तिगत फैसला था, इसके कारण कम से कम हमें तो अलग रखना चाहिए था।