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कीमत कम हो गईं श्री मेहरा ने बताया- सरकार ने राफेल सौदे के समस्त दस्तावेज सर्वोच्च न्यायालय को दे दिए। सीएजी (कैग) को भी समस्त दस्तावेज दे दिए। सीएजी की रिपोर्ट आ गई। 9 साल में कीमत दोगुनी हो जानी चाहिए थी लेकिन सरकार की रणनीति से 2.86 फीसद कम हो गई। इस पर राहुल गांधी कहते हैं कि यह तो चौकीदार ऑडीटर जनरल है। एक ओर सभी राजनीतिक दल योजनापूर्वक औऱ जानबूझकर बार-बार संस्थाओं को नष्ट करने का आरोप लगाते हैं लेकिन सर्वोच्च न्यायालय, सीएजी, चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है, उसे नहीं मानते हैं।
कीमत कम हो गईं श्री मेहरा ने बताया- सरकार ने राफेल सौदे के समस्त दस्तावेज सर्वोच्च न्यायालय को दे दिए। सीएजी (कैग) को भी समस्त दस्तावेज दे दिए। सीएजी की रिपोर्ट आ गई। 9 साल में कीमत दोगुनी हो जानी चाहिए थी लेकिन सरकार की रणनीति से 2.86 फीसद कम हो गई। इस पर राहुल गांधी कहते हैं कि यह तो चौकीदार ऑडीटर जनरल है। एक ओर सभी राजनीतिक दल योजनापूर्वक औऱ जानबूझकर बार-बार संस्थाओं को नष्ट करने का आरोप लगाते हैं लेकिन सर्वोच्च न्यायालय, सीएजी, चुनाव आयोग स्वतंत्र संस्था है, उसे नहीं मानते हैं।
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ये है कारण महत्वपूर्ण बात ये है कि देश को समझना होगा कि विरोधी राजनीतिक दल जेपीसी जांच की मांग क्यों कर रहे हैं? जांच संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष सौदे के सभी कागज रखने होंगे। उसमें आधुनिक रूप से आक्रमण करने के हथियार, राडार से बचने की चीजें सार्वजनिक करनी होंगी। देश की सुरक्षा के मद्देनजर यह घातक है। क्या मांग करने वालों को यह बात मालूम नहीं है? यह घोर निंदनीय है। राजनीतिक दल चीन और पाकिस्तान के हाथ का खिलौना बने हुए हैं। यह बात सार्वजनिक है कि राहुल गांधी चीन के दूतावास में गुप्त रूप से मिलने गए और बाद में स्वीकार करना पड़ा। विपक्ष को सशक्त राजनीतिक दल की भूमिका में होना चाहिए और देश की रक्षा के मामले में साथ खड़ा होना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके आतंकवादियों के स्लीपिंग एजेंट की तरह काम किया जा रहा है। जेपीसी की मांग करने वाले देशद्रोही हैं।
ये है कारण महत्वपूर्ण बात ये है कि देश को समझना होगा कि विरोधी राजनीतिक दल जेपीसी जांच की मांग क्यों कर रहे हैं? जांच संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष सौदे के सभी कागज रखने होंगे। उसमें आधुनिक रूप से आक्रमण करने के हथियार, राडार से बचने की चीजें सार्वजनिक करनी होंगी। देश की सुरक्षा के मद्देनजर यह घातक है। क्या मांग करने वालों को यह बात मालूम नहीं है? यह घोर निंदनीय है। राजनीतिक दल चीन और पाकिस्तान के हाथ का खिलौना बने हुए हैं। यह बात सार्वजनिक है कि राहुल गांधी चीन के दूतावास में गुप्त रूप से मिलने गए और बाद में स्वीकार करना पड़ा। विपक्ष को सशक्त राजनीतिक दल की भूमिका में होना चाहिए और देश की रक्षा के मामले में साथ खड़ा होना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके आतंकवादियों के स्लीपिंग एजेंट की तरह काम किया जा रहा है। जेपीसी की मांग करने वाले देशद्रोही हैं।