आत्मसमर्पण करने वाले दोनों नेताओं की अंतरिम जमानत की अवधि 13 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। दरअसल तीनों नेताओं को लॉक डाउन के दौरान राजस्थान सीमा से बसों को निकालने के दौरान पुलिस ने पकड़ा था. इन सभी को अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके साथ ही अदालत ने इन्हें सात जनवरी तक समर्पण करने का आदेश दिया था.
कांग्रेस नेताओं की ओर से अधिवक्ता राम शंकर शर्मा और राम दत्त दिवाकर ने पैरवी की थी. अधिवक्ताओं की ओर से अदालत में एक अर्जी दाखिल की गई जिसमें कहा गया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए उनकी अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया जाए. अर्जी काे मेडिकल के साथ दिया गया था लेकिन स्पेशल जज ( एमपी एमएलए कोर्ट ) उमाकांत जिंदल ने इस अर्जी को न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन बताया और अर्जी स्वीकार करते हुए अजय कुमार लल्लू के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए.
अधिवक्ताओं ने इस दौरान कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर और विवेक बंसल की ओर से भी एक अर्जी दी और उनके लिए स्थाई जमानत मांगी. अर्जी में कहा गया कि, लॉक डाउन के कारण हजारों लोग फंस गए थे और इन लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव ( Priyanka Gandhi Vadra ) प्रियंका गांधी ( Priyanka Gandhi ) की ओर से बसों की व्यवस्था की गई थी। यूपी सरकार ने इन बसों को निकलने की अनुमति ही नहीं दी. जब सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी तो तीनों नेताओं को राजस्थान सीमा पर आना पड़ा और यही से उनको गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में पुलिस की ओर से केस डायरी आज अदालत में नहीं दाखिल की गई जिस कारण प्रदीप माथुर और विवेक बंसल को भी स्थाई जमानत नहीं मिल सकी। अब अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि को 13 जनवरी तक बढ़ा दिया है। इस मामले में अब अगली सुनवाई ( Court order ) 13 जनवरी को होगी.